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________________ ક निर्वाणकलिका ( पादलिप्साचार्यकृत ) संपादक मोहनलाल भगवानदास झवेरी, मुंबई, ई. स. १९२६ निववाद मुनि धुरंधर विजयजी, भावनगर, ई. स. १९४७ न्यायायतारबार्तिक वृत्ति (पूर्णतलगच्छीय शान्तिसूरिकृत ) : संपादक पं. दलसुख मालवणिया, मुंबई, ई. स. १९४९ न्यू इन्डियन एन्टिक्वेरो ( मासिक ) : पाइअ - सद- महण्णवो पं. हरगोविन्ददास त्रीकमचंद शेठ, कलकत्ता, ई. स. १९२३-२८ पुरातन प्रबन्ध संग्रह : संपादक जिनविजयजी मुनि, कलकत्ता, ई. स. १९३६ पोलिटिकल हिस्टरी ऑफ अॅन्श्यन्ट इन्डिया : हेमचन्द्र रायचौधरी, ३ जी आवृत्ति, कलकत्ता, ई. स. १९३२ पंचतंत्र : संपादक अने अनुवादक भोगीलाल ज. सांडेसरा, मुंबई, ई. स. १९४९ प्रतिज्ञायौगन्धरायण ( भासकृत ) संपादक टी. गणपतिशास्त्री, त्रिवेन्द्रम, ई. स. १९१२ प्रबन्धकोश ( राजशेखरसूरिकृत ) संपादक जिनविजय मुनि, शान्तिनिकेतन, ई. स. १९३५ प्रबन्धचिन्तामणि ( मेरुतुंगाचार्यकृत ) : संपादक जिनविजय मुनि, शान्तिनिकेतन, ई. स. १९३३ प्रमेयकमलमार्तंड ( प्रभाचन्द्राचार्यकृत ) : संपादक पं. महेन्द्रकुमार शास्त्री, २ जी आवृत्ति, मुंबई, ई. स. १९४१ प्रेमी अभिनंदन ग्रन्थ, टीकमगढ, ई. स. १९४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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