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________________ संक्षेप-सूचि अनु : अनुयोगद्वार सूत्र - मलधारी हेमचन्द्रनी वृत्ति समेत : प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, ई. स. १९२४ अनुचू : अनुयोगद्वार सूत्र - चूर्णि प्रकाशक ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रतलाम अनुहा: अनुयोगद्वार सूत्र - हारिभदीया वृत्ति (ई. स. नो ८ मो सैको ) : प्रकाशक ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रतलाम अनु : अनुयोगद्वार सूत्र - मलधारी हेमचन्द्रनी वृत्ति ( ई. स. नो १२ मो सैंको ) : प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, ई. स. १९२४ ( उपर ' अनु ' वडे निर्दिष्ट संस्करण ) अरा : अभिधान राजेन्द्र : ग्रन्थ १ थी ७ : संपादक विजयराजेन्द्रसूरि, रतलाम, ई. स. १९१३ -३४ आचू : आवश्यक सूत्र - चूर्णि, पूर्वभाग अने उत्तरभाग : प्रकाशक ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेतांबर संस्था, रतलाम आनि : आवश्यक सूत्र-निर्युक्ति (नीचे 'आम' वडे निर्दिष्ट संस्करण ) आम : आवश्यक सूत्र-आचार्य मलयगिरिनी वृत्ति (ई. स. नो १२ मो सैको ), भाग १ थी ३: प्रकाशक आगमोदय समिति, मुंबई, ई. स. १९२८-३२ आशी : आचारांग सूत्र - शीलांकदेवनी वृत्ति ( ८ मा सैका आसपास), भाग १ - २ : प्रकाशक आगमोदय समिति, सं. १९७२७३; एनुं पुनर्मुद्रण जैनानंद पुस्तकालय, सूरत तरफथी थयुं छे. आसूचू : आचारांग सूत्र - चूर्णि : कर्ता जिनदासगणि महत्तर ( ई. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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