________________
ઉત્તરઝયણાણિ
भइ फासओ विय
भइस संठाणओ विय भइ से गंध
भइए से उ वण्णओ
भइणीओ मे महाराय !
भइयव्वा ते उ खेत्तओ
भंडगं दुविहं मुणी
भंडयं पडिलेहित्ता
भगवं अरिनेमित्ति
भगवं! एत्थ मे खमे
भगवं गोयमे नामं
भगवं वद्धमाणो ति
भगवं! वाराहि मे
भगवं वेसालिए वियाहिए
भत्तपाणस्स अट्ठाए
भत्तपाणेय पोसिया भद्दति नामेण अणिदियंगी
भद्दवए कत्तिए य पोसे य
भमरे कीडपयंगे य
भयवं अंतेउरं तेणं
भयवं केसिगोयमे
भ
भट्ठाणेसु सत्त भयभेरवा तत्थ उइंति भीमा
भयवेराओ उवरए
भरहं वासं नरीसरो
भरहवासं नराहिवो
भरहो वि भारहं वासं भल्ली हि पट्टिसेहिय
१८-१०
६-१७
२२-३८
भुग्गुंज्जोय पराइयं भज्जं जायइ केसवो
२२-६
२७-८
भज्जति धिइदुब्बला भज्जा पुत्ताय ओरसा
€-3 १३-२५
भजाय पुत्ताविय नायओ य
भणंता अकरेंता य
६-८
भणियं रसविवज्जणं
30-28
३६-६०
भणिया जिणवरेहि भत्तं पाणं गवेस
२६-३१
भत्तपच्चक्खाणं भंते! जीवे...२८ सू० ४१
१८-८०
२७-१४
भावेणं सदहंतस्स
१२-२०
भावे विरत्तो मणुओ विसोगो २६-१५ भावेसु जो गिद्धिमुवेड़ तिव्वं
३६-१४६
भावोमाणं मुणेयो भासई मुणिवरो विगयमोहो
39-6
२१-१६
भासं भासेज्ज पन्त्रवं
८-१२
२३-८८.
६-६
३६-४२ थी ४६ ૩૬-૨૨ થી ૪૧ ३६-२२थी २६
३६-२७ थी ४६
૨૦-૨૭
३६-११
२४-१३
२६-८
२२-४
१८-८
२३-६
૨૩-૫
भवकोडीसंचियं कम्मं
भवणवइवाणमंतर
भवतण्हा लया वृत्ता भवप्पवंच उम्मुक्का
Jain Education International
१८-४०
१८-३५
१८-३४
१८-५
30-€
३४-५१
२३-४८
उ६-६उ
भवम्मि चरिमम्मि उ भवसिद्धीयसंमए
भवाओ परिमुच्चए भवाहि मणुयाहिवा
भविस्सामो जहा इमे
भवे देवि त्ति मे सुयं
भवोहंतकरा मुणी
भाणू य इइ के वुत्ते ?
भायणं पडिलेहए
भायणं सव्व दव्वाणं
भायरं बहुमा
भायरो मे महाराय !
૯૭૮
भारिया मे महाराय !
भाडपक्खी व चरप्पमत्तो
भावं चादुत्तर सुण भावणाहि य सुद्धाहिं भावम्मिय आहिया उ जे भावा भावसच्चेणं भंते! जीवे...
भासच्छन्ना इवग्गिणो
भासादोसं परिहरे
भासियव्वं हियं सच्च
भावस्स मणं गहणं वयंति भावाणुगासाणुगए य जीवे भावापुरत्तस्स नरस्स एवं
भावाणुवाएण परिग्रहेण भावे अतित्तस्स परिग्गहे य
भावे अतित्ते य परिग्गहे य
भावे अतित्तो दुहिओ अणिस्सो भावेणं पज्जवेहि य
भिक्खट्टा बंभइज्जम्मि
भिक्खमट्टा उवडिए
भिक्खमाणा कुलेकुले भिक्खाए वा गिहत्थे वा
भिक्खायरियमाहिया
भिक्खायरिया य रसपरिच्चाओ
भिक्खालसिए एगे
भिक्खावत्ती सुहावहा
३६-६४
३६-२६८
९-२२
८-४२
१४-४५
७-२६
२३-८४
२३-७७
२६-२२
२८-८
१३-४
૨૦-૨૬
२०-२८
४-६
३०-२५
30-6
२७-१०
૩૫-૧૫
For Private & Personal Use Only
भिक्खियव्वं न केयव्वं
भिक्खुणा भिक्खवत्तिणा भिक्खुधम्मं विचितए
भिक्खुधम्मंमिदसवि भिक्खू कुज्जावियक्खणो
भिक्खू जायाहि अन्नओ
भिक्खूणं पडिमासु य
भिक्खू दत्तेसणं चरे
33-१६
૧૯-૯૪
३०-२४
૨૯ ૦ ૧૧
३२-८८
३२-८२
३२-८७
३२-८३
३२-८५
३२-८४
३२-८६
३०-१४
२८-१५
३२-८८
३२-८८ भुंजाहि सालिमं कूरं
भुंजित्तु नमीरायः
30-23 2-3
२४-१०
२५- १८
१-२४
१८-२६
१२-३
२५-५
१४-२६
५-२२, २८
भिक्खुधम्मंमि दसविहे
भिक्खू न भवइ तारिसो
भिक्खू परमसंजए
भिक्खेणं भिक्खुउत्तमा
भिच्चाविहूणो व्व रणे नरिंदो
પરિશિષ્ટ ૧ : પદાનુક્રમ
भिन्ना हुन डहंति मे
भिसं कूराई कुव्व
भीए संते मिए तत्थ
भीमा भयभेरवा उराला
भीमा भीमफलोदया
भीमं पवेवियं दट्टु
भीमाय साहि
ओर परिसप्पा
भुंजते मंससोणियं
भुंज माणुस्सए भोगे
भुंजमाणे सुरं मंसं भुंजा माणुसे भोगे
भुंजामु ता कामगुणे पगामं
भुंजाहि भोगाइ इमाइ भिक्खू !
जाहि भोगाइ मए समा
भुज्जो अच्चिमालिप्पभा भुज्जो जत्थ मणुस्सेसु
भुज्जो वि मंदा! पगरेह पावं
भुत्तभोगा तओ पच्छा
भुक्तभोगी तओ जाया
भुत्ता दिया निंति तमं तमेणं
भुत्ता रसा भोइ ! जहाइ णे वओ
भुत्ता विसफलोवमा
भुयमोयगइंदनीले य
भूईकम्मं च जे परंजंति
भूयग्गामं विहिंसई
भूयत्थे णाहिगया
भूयाणं जगई जहा
३५-१५
३५-१५
२-२६
३१-१०
२६-११, १७
२५-६
३१-११
१-३२
३१-१०
૩૫-૧૪
34-9
२५-३७
१४-३०
२३-५३
4-8
१८-३
१५-१४
२३-४८
२२-३६
२२-३५
३६-१८१
२-११
१९-४३
4-2; 9
२०-१४
१४-३१
१३-१४
१४-३३
१२-३४
(-3
५-२७
७-२७
१२-३८
२२-३८
१७-४३
૧૪-૧૨
१४-३२
१८-११
३६-७५
३६-२६४
4-2
૨૮-૧૭
१-४५
www.jainelibrary.org