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वर्ष भ्रमणकर पुनः अवश्य काशीमें पधारें और ज्ञानसंस्था (पाउशाला ) तथा दयास्थान ( पशुशाला ) की उन्नति करें | मूक प्राणियों के आशीर्वाद से हमारा, आपका तथा सब जगत्का कल्याण होगा। हम देशान्तरीय सज्जनोंसे भी प्रार्थना करते हैं कि पशुशाला की यथाशक्ति सब कोई सहायता करके पुण्य और यशके भागी बनें। और काशी जैसे क्षेत्र में गवादिरक्षा से कितना भारी पुण्य है सो शारुविशारद जैनाचार्य श्रीविजयधर्मसूरिजी के उपदेश से श्रवण करें। हम परमेश्वर से उक्त महात्माजी के प्रयासकी सफलता इच्छते हैं ।
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જીવ દયાના સુદૃઢ સ ંસ્કારાનુ આ સર્વ પ્રત્યક્ષ પ્રમાણ છે, એમ ઉપરના બનાવાથી સ્પષ્ટ જોવાઇ શકે છે.
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BHATT
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