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________________ सकलतीर्थ तीन लोक के शाश्वत अशाश्वत स्थावर-जंगम तीथों को बंदन = • विहरमान वंदु जिन वीश वैमानिकदेवलोक में जिनमंदिर८५७०२३ वैमानिक में Bedi 1,54,www.to 10-10-10YOUTUB पति में मंदिर १३८२ करोड COPO जिननिव ११-१२ २१८ २८ १८० लिगाएं १-१० सा प 200 ६०० लि प्रतिमाएं at woo dre 02.000 मि देवलोक c.000 90.60.000 लगाएं 000 00,00,000 प्रतिमाएं 4000 40,00,000 प्रतिमाएं पति ज्योतिष में असंख्य मंदिर असंख्य वि BY OF ON तिरण लोक में २२५१ मंदिर २.११.२२० जिनविंत तर असंख्य मंदिर असंख्य सिंह अनंत वर्मा अढी द्वीपमा जे अणगार मेर मीरार रा अंतरित जीरावला 00 अष्टापर विद्या- बैं अढार सहस सीलांगना धार १६ वैमानिक क अनुसार चैत्यवंदना गाथा ७-८ भवनपति चेत्यवंदना मध्यलोक के सात चैत्यवंदना गाया १० व्यंतर ज्योतिष असंख्यवंदना ११-१२ भरतक्षेत्र के समेतशिखरादि तीर्थवंदना गाय १२ बीसवरान जिन दिन गाय १४-१५ अढीद्वीप के साधुओं को वंदना anon dem
SR No.004987
Book TitleJain Tattvagyan Chitravali Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvanbhanusuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages64
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
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