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वदिनुसम्वसिद्ध बंदित्तु सबसिद्धे
- आचार्य जोमेवयाइयारो
आचार्य
सिद्ध
अरिहंत
ज्ञान
चारित्र दर्शन
साधु
उपाध्याय
वंदित्तु
दुविहे परिग्यहम्मि
आगमणे निग्गमणे
चंकमणे
सचित्त परिग्रह
अचित्त परिग्रह
ठाणे आगमणे निग्गमणे
सावज्जे बहुविहे अ आरंभे
अभिओगे
निओगे
ANTAmie
पडिक्कमे
सकाकख विगिच्छा
मोक्ष
देव
साधु प्रति द्वेषभाव विचिकित्सा
शका
अन्य धर्म की इच्छा काक्षा अन्य दर्शनीयों का परिचय-प्रशंसा
देवलोक
गुरु
नर्क
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