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________________ नम श्री स्तोतला नित्या, त्रिपुरा काम्यसाधिनी । मदोन्मालिनी विद्या महालक्ष्मी सरस्वती सारस्वतगणाधीशा सर्वशास्त्रोपदेशिनी । सर्वेश्वरी महादुर्गा त्रिनेत्री फणिशेखरी जटाबालेंदुमुगुटा कुर्कटोरगवाहिनी । चतुर्मुखी महायशा, धनदेवी गुह्येश्वरी नागराजमहापत्नी, नागिनी नागदेवता । नमः सिद्धान्तसम्पन्ना द्वादशांगपरायणी चतुर्दश महाविद्या, अवधिज्ञानलोचना । वासंती वनदेवी च वनमाला महेश्वरी महाघोरा महारौद्रा, वीतभीताऽभयंकरी । कंकाली कालरात्री च गंगा गांधर्वनायिकी सम्यग्दर्शनसम्पन्ना, सम्यग्ज्ञानपरायणी । सम्यग् चारित्र सम्पन्ना, नराणां उपकारिणी अगण्यपुण्यसम्पन्ना गणवी गणनायिकी । पातालवासिनी पद्मा, पद्मास्या पद्मलोचना प्रज्ञप्ति रोहिणी जम्भा, स्तम्भिनी मोहिनी जया । योगिनी योगविज्ञानी, मृत्युदारिद्र्यभंजिनी क्षमासम्पन्नधरणी, सर्वपापनिवारणी । 1 ज्वालामुखी महाज्वालामालिनी वज्रशृंखला ॥ ८ ॥ ॥९॥ 1180.11 ॥११॥ ॥१२॥ ॥१३॥ ॥१४॥ ॥१५॥ ॥१६॥ ॥१७॥ ७३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004960
Book TitleMaro Swadhyaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyaratnavijay
PublisherShraman Seva Parivar
Publication Year
Total Pages244
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size13 MB
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