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द्वात्रिंशिका .त्रिशिलानी नयरत टीम श्वे. नायायित मागभेतर ग्रंथोनी सूयि . 42 १२४. धर्मरत्नप्रकरणबृहद्वृत्ति | १६०. परमानन्दपञ्च- | १९५. मोक्षोपदेशपञ्चाशक |२३०. षट्त्रिंशत्षट्विंशिका १२५. धर्मरत्नप्रकरणलघुवृत्ति | विंशतिप्रकरण १९६. युक्तिप्रबोध |२३१: षड्दर्शनसमुच्चय १२६. धर्मसङ्ग्रह १६१. परिशिष्टपर्व १९७. योगदृष्टिसमुच्चयप्रकरण | २३२. षष्टिशतकप्रकरण १२७. धर्मसङ्ग्रहटिप्पण १६२. पार्श्वनाथचरित्र १९८. योगदृष्टिसमुच्चयवृत्ति |२३३. षष्ठकर्मग्रन्थ १२८. धर्मसङ्ग्रहणि १६३. पिण्डविशुद्धि १९९. योगविंशिकावृत्ति |२३४. षोडशकप्रकरण १२९. धर्मसमहणिवृत्ति १६४. पुण्यकुलक २००. योगशतक २३५. षोडशक योगदीपिकावृत्ति १३०. धर्मसङ्ग्रहवृत्ति १६५. पुष्पमाला २०१. योगशतकवृत्ति २३६. षोडशक १३१. धर्मोपदेशमाला १६६. पूजाप्रकरण २०२. योगशास्त्र
सुगमार्थकल्पनावृत्ति (जयसिंहसूरिकृत) १६७. प्रतिमाशतक २०३. योगशास्त्रवृत्ति
२३७. संविग्नसाधुनियमकुलक १३२. ध्यानदीपिका १६८. प्रतिमाशतकवृत्ति २०४. योगसार | २३८. संवेगरङ्गशाला १३३. ध्यानशतक १६९. प्रतिष्ठासारोद्धार २०५. रत्नाकरावतारिका
|२३९. सङ्घाचारभाष्य १३४. ध्यानशतकविवरण १७०. प्रथमकर्मग्रन्थ २०६. ललितविस्तरा
२४०. समरादित्यकथा (हारि.) १३५. नयरहस्य
१७१. प्रबन्धकोश २०७. ललितविस्तरापञ्जिका |२४१. समरादित्यचरित्र १३६. नयोपदेश १७२. प्रबन्धचिन्तामणि २०८. लोकतत्त्वनिर्णय
(प्रद्युम्नसूरिकृत) १३७. नवतत्त्वप्रकरण १७३. प्रमाणनयतत्त्वरहस्य २०९. लोकप्रकाश
| २४२. समाधिशतक १३८. न्यायखण्डखाद्य १७४. प्रमाणनयतत्त्वा- | २१०. वादमाला
२४३. सम्बोधप्रकरण १३९. न्यायसङ्ग्रह लोकालङ्कारसूत्र २११. विशिकाप्रकरण
२४४. सम्बोधसप्ततिका १४०. न्यायालोक १७५. प्रमाणमीमांसावृत्ति | २१२. विधिशतक
२४५. सम्मतितर्क १४१. न्यायालोक भानुमतीवृत्ति | १७६. प्रमाणमीमांसासूत्र २१३. वीतरागस्तोत्र
२४६. सम्मतितर्कटीका १४२. न्यायावतार १७७. प्रवचनसारोद्धार | २१४. वीतरागस्तोत्रवृत्ति
२४७. सम्यक्त्वसप्ततिका १४३. न्यायावतारटिप्पन १७८. प्रवचनसारोद्धारवृत्ति | २१५. वैराग्यकल्पलता
२४८. सम्यक्त्वकुलक १७९. प्रव्रज्यायोगादिविधिसङ्ग्रह| २१६. वैराग्यरति १४४. न्यायावतारवृत्ति
२४९. सम्यक्त्वकौमुदी १४५. पञ्चनिर्ग्रन्थिप्रकरण १८०. प्रशमरति
२५०. सम्यक्त्वप्रकरण २१७. वैराग्यशतक (प्राकृत)
२५१. सम्यक्त्वसप्ततिकावृत्ति १४६. पञ्चमकर्मग्रन्थ (शतक)|१८१. प्रशमरतिअवचूरि | २१८. शक्रस्तव
२५२. सम्यक्त्वस्वरूपस्तवप्रकरण १४७. पञ्चलिङ्गिप्रकरण | १८२. प्रशमरतिवृत्ति २१९. शान्तसुधारस
२५३. सामाचारीप्रकरण १४८. पञ्चवस्तुक १८३. प्राचीनसामाचारीप्रकरण | २२०. शास्त्रवार्तासमुच्चय
२५४. सारसमुच्चय १४९. पञ्चवस्तुकवृत्ति १८४. बृहत्सङ्ग्रहणि | २२१. शास्त्रवार्तासमुच्चय
२५५. सिद्धहेमशब्दानुशासनसूत्र १५०. पञ्चसङ्ग्रह १८५. भक्तामरस्तोत्रवृत्ति
२५६. सेनप्रश्नोत्तर १५१. पञ्चसङ्ग्रहवृत्ति | १८६. भानुमती
(स्याद्वादकल्पलता)
|२५७. सेव्यसेवकोपदेश १५२. पञ्चसूत्र (न्यायालोकटीका) | २२२. शास्त्रवार्तासमुच्चयवृत्ति .
२५८. स्तवपरिज्ञा १५३. पञ्चसूत्रवृत्ति १८७. भावकुलक
(दिक्प्रदा)
| २५९. स्याद्वादमञ्जरी १५४. पञ्चाशक १८८. भाषारहस्य २२३. शृङ्गारशतकवृत्ति
२६०. स्याद्वादरत्नाकर १५५. पञ्चाशकवृत्ति १८९. भाषारहस्य मोक्षरत्नावृत्ति| २२४. श्राद्धदिनकृत्य
२६१ स्याद्वादरहस्य १५६. पञ्चिलिङ्गप्रकरणबृहद्वृत्ति १९०. महादेवस्तोत्र २२५. श्राद्धविधिप्रकरण
२६२. स्याद्वादरहस्यवृत्ति १५७. परमज्योतिः- १९१. महावीरचरित्र २२६. श्राद्धविधिप्रकरणवृत्ति
(जयलता) पञ्चविंशतिस्तोत्र | १९२. महावीरस्तवकल्पलतिका २२७. श्रावकधर्मविधि
| २६३. हारिभद्रीयव्याख्या १५८. परमात्मद्वात्रिंशिका | १९३. मानवभोज्यमीमांसा | २२८. श्रावकप्रज्ञप्ति
२६४. हृदयप्रदीपषट्विंशिका १५९. परमात्मप्रकाशटीका १९४. मार्गपरिशुद्धिप्रकरण | २२९. श्रावकप्रज्ञप्तिवृत्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only
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