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________________ 110 • કાત્રિશિકાપ્રકરણ તથા “નયલતા' વ્યાખ્યામાં વર્ણવેલા પદાર્થોની યાદી - दोष दौर्हद द्रव्य ११८०, ११८३-११८५, ११८७-११९२, | द्रव्यानुष्ठान १४४४ ११९४, ११९७-१२०६, १२१८, १६५४- | द्रव्यात्मा जुओ आत्मा (द्रव्यादि) १६५५, १७०१-१७०२, १७९१-१७९२, द्रव्यार्थिक नय जुओ नय (ज्ञाननयादि) २०३२-२०३३ द्रव्यार्थिकदेशनाप्रयोजन १५९८ दैवस्व रूप ११५२,११७३ द्रव्योञ्छ जुओ उञ्छ दैवीप्रकृति ८५५ द्रष्टा ७६५, ७७७-७७८, ७८४, ७९५, ३३३-३३४, ४३५, ९५९ ११४३, १५२६, १५७२, १६०१, १६८७, दोष (अष्टादश-दिगंबरमान्य) २००९ १७०८, १७३७, १७४६, १७५६ दोष (अष्टादश-श्वेताम्बरमान्य) २०१५ द्वादशगुणस्थान जुओ गुणस्थानक दोषनाश ९८६ द्वादशविधतप जुओ तप (शारीरादि) दृष्टिव्याख्या १३८२ द्विज २७०-२७१, ४७६-४७७, ४७९दृष्टिसंमोह १५८४ ४८०, ४८७-४८९, ५०१-५०२, १०११दोषपरिघातविनय जुओ विनय (चतुष्क) १०१२, १०३५-१०३६, १०८०-१०८२, ३१५, ३१७, ३१८ द्विज १५३१-१५३२ दौहृदपूरण ३१७, ३४५ द्वितीयगुणस्थान जुओ गुणस्थानक १८७६-१८८०, १८८२ द्वितीयाबालता जुओ बालता द्रव्यक्रिया ७०३, १३१३-१३१४ द्वितीयापूर्वकरण १२८७ द्रव्यदीक्षा जुओ दीक्षा (प्रकार) जुओ क्लेश द्रव्यदेशना जुओ देशना धनवृद्ध जुओ वृद्ध द्रव्यनिरुक्ति ११०, १७१-१७४, २५२-२५३, द्रव्यपूजा जुओ पूजा ३६३-३७०, ४००-४०५, ४९२-४९७, ५०२द्रव्यपूर्वसेवा जुओ पूर्वसेवा (द्रव्यादि) ५०८, ६३३-६३४, ६६१-६६५, ९९३-९९९, द्रव्यभिक्षु जुओ भिक्षु (नामादि) १४१९-१४२१, १५१६-१५२०, १६७४द्रव्ययज्ञ जुओ यज्ञ १६७९, १८६५-१८६७, १८८८ द्रव्ययोग जुओ योग (द्रव्यादि) धर्मकथा जुओ कथा द्रव्यलेश्या जुओ लेश्या धर्मकर्ममर्म ६९४ द्रव्यलिङ्ग ९०, १७१, १९१, २०२-२०३, धर्मदान जुओ दान (अनुकम्पादि) ७०१-७०२, ८९५-८९७, ८९९, ९१६, ९१८, | धर्मदेशना (७ प्रकार) जुओ देशना ९२०, १४४७, १९३१ धर्मध्यान जुओ ध्यान द्रव्यशुद्धि जुओ शुद्धि धर्मध्यानभावना जुओ भावना द्रव्यश्रामण्य ९१६ धर्मपरिणाम जुओ परिणाम (अवस्थादि) द्रव्यसम्यक्त्व जुओ सम्यक्त्व (द्रव्यादि) धर्मप्रणिधान जुओ प्रणिधान (अवशिष्ट) द्रव्यसर्वसम्पत्करी भिक्षा जुओ भिक्षा-सर्वसम्पत्करी भिक्षा | धर्मबालकाल ९१४ द्रव्यस्तव जुओ स्तव धर्ममित्र ३०८, ३०९ धर्म Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,
SR No.004938
Book TitleDwatrinshada Dwatrinshika Prakran Part 1
Original Sutra AuthorYashovijay Upadhyay
AuthorYashovijay of Jayaghoshsuri
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year2002
Total Pages478
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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