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१४. माया - माया (मोह) रूपा। १५. कुंडलिनी - कुंडलिनी शक्ति। १६. मेधा - बोध शक्तिरूपा। १७. कौमारी - बाल मनोहररूपा। १८. भुवनेश्वरी - तीन भुवनों की स्वामिनी । १९. श्यामा - श्याम वर्णा, उत्तम स्वरूपा। २०. चंडी- उग्ररूपा। २१. कामाक्षी - मनोहर नयनोवाली। २२. रौद्री - प्रचंड रूपा। २३. देवी - तेजस्वी रूपवाली। २४. कला - ह्रीं कारस्थित (*) ध्येय स्वरूपा। २५. इडा - देहस्थित 'इडा' नाडी की देवी। २६. पिंगला - देहस्थित 'पिंगला' नाडी की देवी। २७. सुषुम्णा - सरस्वती। २८. भाषा - भाषारूपा। २९. ह्रीं कारी- ह्रीं बीज मंत्ररूपा। ३०. धीषणा - ज्ञान स्वरूपा। ३१. बिछिका - मंडलाकारा, वर्तुलरूपा ३२. ब्रह्माणी - वृद्धिरूपा। ३३. कमला - कमल पर विराजनेवाली। ३४. सिद्धा - सिद्ध स्वरूपा। ३५. उमा - कल्याण रूपा। ३६. अपर्णा - तपस्विनी। ३७. प्रभा - दीप्तिमया। ३८. दया - करुणा शीला। ३९. भर्भरी - पोषणरूपा। ४०. वैष्णवी - सर्व व्यापक शक्ति। ४१. बाला - बालस्वरूपा। ४२. वश्या - भक्त प्रिया। ४३. मंदिरा - (समस्त जगत की) निवासरूपा। ४४. भैरवी - भय रूपा। ४५. जालया - आच्छादन करनेवाली। ४६. शांभवी - शांति देनेवाली, शांतिस्वरूपा। ४७. यामा - नियंत्रक शक्ति। ४८. शर्वाणी - (अज्ञान) छेदनेवाली। ४९. कौशिकी - गुप्त स्वरूपा। ५०. रमा - आनन्द स्वरूपा। ५१. चक्रेश्वरी - (षट्) चक्रो की स्वामिनी । ५२. महाविद्या - महाविद्या स्वरूपा। ५३. मृडानी - प्रसन्नरूपा। ५४. भगमालिनी - ऐश्वर्य रूपा।
५५. विशाली - विशाल स्वरूपवाली। ५६. शंकरी - शांति प्रदा। ५७. दक्षा - निपुण स्वरूपा। ५८. कालाग्नि - प्रलय कालकी अग्निरूप। ५९. कपिला - उत्तम वर्णवाली। ६०.क्षया - विनाश रूपा। ६१. ऐंद्री - श्रेष्ठत्वरूपा। ६२. नारायणी - ज्ञानमार्गरूपा। ६३. भीमा - भयंकर स्वरूपवाली। ६४. वरदा - वरदान देनेवाली। ६५. शांभवी - कल्याण करनेवाली। ६६. हिमा - शीतलता देनेवाली। ६७. गांधर्वी - संगीत की देवी। ६८. चारणी - स्तुति स्वरूपा। ६९. गार्गी - वर्णन करनेवाली। ७०. कोटि - उत्तम स्वरूपा। ७१. श्री - ज्ञान-लक्ष्मी रूपा। ७२. नंदिनी - आनंद देनेवाली। ७३. सूरा - उत्पत्ति करनेवाली। ७४. अमोघा - सदा सफल रूपा। ७५. जांगुली - दोष हरनेवाली। ७६. स्वाहा - अच्छे ढंग से बुलाई गई। ७७. गंडनी - ज्ञान का सिंचन करनेवाली। ७८. धनार्जनी - ज्ञानरुप धन की स्वामिनी। ७९. कबरी - प्रशस्ति रूपा। ८०. विशालाक्षी - विशाल नयनोवाली। ८१. सुभगा - सौभाग्यवाली। ८२. चकरालिका - भयानक रूपवाली। ८३. वाणी - उच्चारण रूपा। ८४. महानिशा - सूक्ष्म, संक्षेप करनेवाली, अति सूक्ष्मरूपा। ८५. हारी - आकर्षक स्वरूपा। ८६. वागीश्वरी - वाणी की स्वामिनी। ८७. निरंजना - दोष रहिता। ८८. वारुणी - मोह करनेवाली। ८९. बदरीवासा - बदरीवन में रहनेवाली। ९०. श्रद्धा - श्रद्धा-स्वरूपा। ९१. क्षेमंकरी - क्षेम-कुशल करनेवाली। ९२. क्रिया - क्रियारूपा। ९३. चतुर्भुजा - चार हाथोवाली। ९४. द्विर्भुजा - दो हाथोवाली। ९५. शैला - पर्वत पर रहनेवाली।
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