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चतुर्थस्तुतिनिर्णय भाग-१ (५०) तथा बृहत्खरतर गच्छकी समाचारीका पाठ लिखते हैं । पुव्वोल्लिंगीया पडिकमण समाचारी पुणएसा ॥ सावओ गुरुहिसमं, इक्कोवा जावंति चेइयाई तिगाहा ॥ दुगथुत्तिपणिहाण वज्जं चेइयाई वंदित्तु चउराइ खमासमणेहिं आयरियाई वंदिय भूनिहियसिरो सव्वस्स देवसिय इच्चाइ दंडगेण सयलाइयार मित्थुक्कडं दाउं उठिय सामायिय सुत्तं भणिउं इच्छामि ठाइउं काउस्सग्गमिच्चाइ सुत्तं भणिय पलंबिय भुय कुप्पर धरियानाभिअहो जाणुढं चउरंगुल ठविय कडिय पट्टो संजइ कविठाइ दोसरहिअं काउस्सग्गं जंकाउं जहक्कम दिणकए, अइयारे हियए धरिय नमोक्कारेण पारिय चउवीसं पडिलंहणाउ काउं काए वितत्तियाओ चेव कुणइ । साविया पुण पिठि सिरहिययवज्जं पन्नरसकुणइ । उठिय बत्तीसदोसरहियं पणवीसावस्सय मुठं किइ कम्म काउं अवणयंगो करजुय विहि धरिय पुत्तीदेवसियाइयाराणं गुरुपुरउ वियडणत्थं आलोयण दंडगं पढइ । तओ पुत्तीए कठीसणं पाउंछणं वा पडिलेहिय वामं जाणु हिठा दाहिणं चउर्टी काउं करजुय गहिय पुत्तिसम्म पडिक्कमण सुत्तं भणइ ॥ तउ दव्व भावुठिओ अब्भुठिओमि इच्चाइ दंडगं पढित्ता वंदणं दाउं पण गाइ सुजइ सुत्तिन्निखामित्ता सामन्न साहू सुपुण ठवणायरिएण समं खामणं काउं तओ तिन्नि साहू खामित्ता पुणो की कम्मं काउं उद्धडिउ सिर कयंजली आयरियउवज्जाए इच्चाइ गाहातिगं पढित्ता सामाइयसुत्तं उस्सग्गदंडगंच भणिय काउस्सग्गे चारित्ताइयारसुद्धिनिमित्तं उज्जोयदुगं चिंतेइ । तओ गुरुणा पारिए पारित्ता संमत्तसुद्धिहेउं उज्जोयं पढिय सव्वलोय अरहंतचेइयाराहणुस्सग्गं काउं उज्जोय चिंतिय सुय सोहि निमित्तं पुक्खरवरदीवड्डे कट्टिय पुणो पणवीसुस्सासं काउस्सग्गं काउं पारिय सिद्धत्थवं पढित्ता सुयदेवयाए काउस्सग्गे नमोक्कारं चिंतिय तीसे थुइ देइ सुणेइवा ॥ एवं खित्तदेवयाए वि
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