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चतुर्विशतिका.
त्रितय ( न०) नो समुदाय, त्रिदश (पुं० )सु२. त्रिदशप (पुं०)-सुर-पति. त्रिभुवन (न०)-तोय. त्रिलोकी (स्त्री० ) त्रिभुवन त्रै (१, आ० पालने )-२क्षए। ४२j.
तडित् (स्त्री.)-वीसजी. तत (वि० )विस्तीर्ण तत्व (न०)सार. तद (स.)-त. तन् (८, ऊ. विस्तारे )-विस्तार वो. तनिष्ठ (वि.) अत्यन्त २५८५. तनु (स्त्री.) . तनु (वि.)-८५. तमस् ( न. )-(१) संघ।२; (२) ज्ञान. तमाल (न.)-तभार वृक्ष. तरु (पुं० )-वृक्ष, 3. तरुण (वि.)-नूतन. तल (न.)-तणियु. तान (न०)विस्तार. ताप (पुं० )-संता५. तापनीय (न.)सोनु. तामरस (न. )भ. तामस (वि.)-महान संबंधी. तार (वि० ) तरी मना२. तिमिर (न०)-संघ२. तीर्थ (न० )=(१) यतुर्विध संघ; (२)
(3) प्रथम ५२. तीर्थकृत् (पुं० )-तीर्थ४२. तु (अ०) ; (२) विशेषतासूय शम्. तुल (१०, ऊ. उन्माने)-तो. तुल्य (वि.)-समान. तृष् (स्त्री०)-तरस. तृषा (स्त्री.)तरस. सू (१, प० प्लवनतरणयोः)-तर.
२. तेजस् ( न०)-ला, तर. तेजिन् (वि.)-तेजस्वी. तोष (पुं.) .. त्य ( १, ५० हानौ )-त हे. प्रय (न०)त्रानो समुदाय. प्रस (पुं०)द्वीन्द्रियाहि यो. त्राण (न०)२क्षण. त्रि (वि.) . त्रिक (न.)रानो समुदाय,
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दक्ष (वि.)यतु२. दद् (१, आ० दाने)= . दन्त (पुं० )=in. दम (पुं०)-उपशम, थन्द्रिय-संयम. दया (स्त्री०)-४३३॥ दर्पक (पुं-)महन. दर्शन (न. )र्शन, अवसान. दल (न०) पत्र. दव (पुं०)-वानस. दशा (स्त्री० )-स्थिति, अवस्था, दह (१, ५० भस्मीकरणे)-मण. दहन (न.)-भागते. दा (१, प० दाने )=५g. दा ( ३, ऊ० दाने )मा५g. दान (न०)दान. दानव (पुं० )असु२. दामन् (न.)=(१) २९; (२) मासा. दार (पुं० )=नारी, स्त्री. दारिद्य (न०) हरिद्रता, गरीमा. दारु (न.) ४, सा . दिविज (पुं०) व. दिव ( स्त्री०)स्वर्ग. दिव्य (वि.)-स्वर्ण संधी, स्वर्गीय. दिश् (६, ऊ. अतिसर्जने ) आप. दिश ( स्त्री.)-हिशा. दीन (वि.)-गरीम. दु (५, प० उपतापे)=पी। १२वी. दुःख (न०)पी. दुरित (न.)-पा५. दुर्लभ (वि.)म. दुष्कृत (न०) ५५.
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