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सोळमो अने सत्तरमो सैको
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नाम
माल समि
वारि
क्रि०
आवी
नाम
नाम रात्य
स्वप्नमाहि भाखर टाढी शाहनि कायि तमनि पोता। अदेखाइ भोजाइई माहरूं
नरसिंहानी मुने तिणि वनमा पोताना माटि | वेहवाइइं कर्मचा मन्य
ज्येहनी तमची वनमोझारिरिहि | आंधलो १८४ पद्मनाभ
क्रि० क्रि० कि. वीन→ जिमाइ (जमाय) अवगणिउ | आविउ कवू पाचइ रीसावीउ प्रणमूं
आव्या निकंदीउ सकी। करूं
सांभलइ गाहीऊं लोपि ( लोपे) आणूं लाभ नाथीउ करि फरि (फरे ) हुइ (होय ) पाv चडइ
आवि ( आवे) छोडवि धरु (धर्यो) वलइ
पामा
पडावि ( पडावे ) करिउ करीसूं दाखवि खाइ (खाय) करयो ( करजो) बाले ) डगमगइ पूजी पूरीसिंउ (पुरशुं) बालि )
आणिया पूरूं जाणीइ
भणइ बोलाइ
आव्या | ग्या
छ।
नीम्यू
थाइ
वीनवड
पलइ
छूटीइ
छ।
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