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________________ ४४७ नामो, क्रियापदोबाओ अहीं नौकरी छ. चौदमा सै चौदमो अने पन्दरमो सैको परिचय मळे माटे तेमांनी केटलीक गाथाओ अहीं नोंधेली छे. अने तेमांथी लीधेलां नामो, क्रियापदो वगेरेनी सूची पण ऊपर आपेली छे. चौदमा सैकाना बीजा बे नमूना अहीं आप्या छे, तेनी साथे आ 'रासक'नी भाषानो सुमेळ छे, अने रासकमां वपरायेलां नामो वगैरे जोतां तेनुं वलण स्पष्टपणे अद्यतन गुजराती तरफ छे, एम जणाया विना रहेतुं नथी. रासकनी बीजी खास विशेषता तो ए छे के तेनो कर्ता एक मुसलमान पंडित छे. कर्तानुं नाम ' अद्दहमाण' छे. तेना पितार्नु 'संदेशकरास' ना नाम मीरसेन' छे. पोताना देश- विशेष नाम कानो परिचय " तेणे जणाव्युं नथी. 'उदाहरणरूप एवो पूर्वप्रसिद्ध 'म्लेच्छ देश' रासकर्तानी निवासभूमि छे' एम तेणे मोघम जणाव्युं छे. रासनी वस्तु 'मेघदूत'नी वस्तु जेवी छे. एक पथिक मूलत्थाणमूलतान ? थी खंभात सुधी प्रवास करे छे. बच्चे तेने एक विरहिणी 'मूलत्थाण' नगर जगतमा चारेकोर सुप्रसिद्ध छे.” 'सामोरपुर 'नुं बीजुं नाम 'मूलत्थाण' छे. आमां जणावेलं 'सामोरपुर' क्या आव्यु ? ए कशुं मारा जाण्यामां नथी; परंतु मूलत्थाण-मूलस्थान अने मूलतान ए बधां सरखां पदो, कोई एक ज नगरनां सूचक छे के भिन्न भिन्न नगरनां ? ए प्रश्ननुं तत्काल तो समाधान थई शके नहीं; परंतु शब्दसाम्य जोतां कोई एने 'मूलतान' जरूर कल्पी शके. रास विशे विशेष-रासमां रासकारे गाथाओ उपरांत विविध छंदो वापरेला छ जेनो परिचय टिप्पनक अने अवचरिकामां आपेलो छे. टिप्पनकार पोते प्रान्ते आपेली प्रशस्तिमां जणावे छे के “ आ रास तेणे 'गाइड' नामना क्षत्रियना मुखथी सांभळ्यो छे तेथी रासना टिप्पनमां असल मूळ रास करतां कांई फेरफार वा भूल रही गई होय तो ते 'गाहड' जाणे, हुं कशुं जाणुं नहीं." टिप्पनकार पोरवाड वंशनो छे. तेना पितानुं नाम 'हालिग' छे, मातानुं नाम 'तिलष्वाः' लखेलं छे पण ते अस्पष्ट छे. कदाच 'तिलाख्या' एटले 'तलकबाई' होय. टिप्पनकार, रुद्रपल्लीय गच्छना जैनसाधु छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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