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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
१५० आशरे चौदमा सैकाना अंतनी वा पंदरमा सैकाना आरंभनी के त्यार पछीनी जाती एक इस्लामी कविनी कृतिनो परिचय आपी हवे पन्दरमा सैकानी कृतिओ तरफ आपनुं ध्यान खेंचुं छं.
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संदेशक रास
सिरिया - सरज्यां
काया-कायला-कागडा
करकरायंतु-' का का' करे
गंगा-गंगा नदी
वाडवाड विलग्गा-वळ गेली
सुंबिणी - तुंबडी गामगहिल्ली - गामनी घेली
गामडानी घेली स्त्री
ताली - ताळी
दुद्ध-दूध
खीरी - खीर
कुक्कस - कुशका रब्बडिया-राबडी
संदेशक रासना शब्दो
-कर्ता - अद्दहमाण [ मुसलमान - अब्दुल रहमान - अब्दुल रहेमान ]
कुलि -- कुले - कुळमां
रासउ-रास
भासीअइ-भाषाय छे - कहेवाय छे
सुदवच्छ - सदयवत्सनी कथा नलचरिउ - नलचरित
मुक्खु - मूरख
अंगुट्ठि - अंगुठे बोलाविउ-बोलाव्यो जाइसि-जाय छे
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रामायण - रामायण
कयवर - कविवर
करंतिय - करती - करंती
वाडइहिं-वाडे-वाडामां
मूलत्थाणु - मूलतान (?) तिह हुंत त्यांथी
हउं हुं
लेह-लेख
खंभाइत्तिहिं - खंभातमां - खंभात तरफ आएसियउ - आदेशित - आदेश पामेलो
एय - ए
वयण - वेण
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