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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति । बइल-बेल-(बळद) लेखडउ-लेखडो झुपडा-झुपडां
पहाविअइ-पठावाय-पाठवाय. लग्गइ-लागे
बाह-बांह-बांय कुडुल्ली-कोटडली–कोटलडी-कोटडी विछोडवि-विछोडी-वछोडी-वछोटी सहेसइ-सहशे-स्हेशे
जाहि-जाय-जा अधिन्नइ-अधीन
नीसरहि-नीसरे-नीसर-नीहर अवसें अवश्य
जेप्पि-जीपी-जिती सुक्कइं-सूकां
देप्पिणु-देवीने देईने-दईने पण्णई-पान
लेवि-लेवीने-लईने देजहिंदीजे हे-(देवाय छे)। मुआ-मुआ आइउ–आयो-आव्यो परावहि-पराव–प्राप्-परापत करे छे वत्तडी–वातडी
मुअइ-मुए छे–मरे छे कनडइ-कानडे
जाइ-जाय छे धूलडिआ-धूलडी-धूळ
थाह-थाह-ताग संदेसे-संदेशे
पविसइ-पेसे तुहारेण-तुहारे-तारे
बइहउ-बेठो धाइ-धाय छे ( दोडे छे) चडिआ–चड्या ठाइ-ठाय-स्थिर रहे
डालई-डाळां कढणु-कढवू-( उकाळवू ) मोडंति-मोडे छे–मरडे छे घणकुट्टणु-घणकुट्टण-घणथी कूटयूँ बोलहिं-बोले हे-(कहे छे) मंजिट्टए-मजीठे
हूओ-हुओ (थयो) कोट्टरई-कोतरां
सहेबउं-सहेQ संचि-संच-(संचय कर) जग्गेवा-जागवू द्रम्मु-दाम
जिआवंतिहिं-जीवाडंतीओए
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