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आमुख तारवी शके छे. अक्कों, जयण, तंट, पडुजुवइ, पड्डी वगैरे अनेक शब्दो द्रविडी अने तेलगुना होई अनार्यसंतानीय छे.
राजकुटुंबमां रहेती दासीओने लगता उल्लेखो जैन आगमोमां स्थळे राजकुमारोना स्थळे मळे छे. ते ऊपरथी एम स्पष्ट मालूम पडे छे
उछेर माटे के ए दासीओनो मोटो भाग अनार्य जातिनो हतो. अनार्य दासीओ
सूत्रकार कहे छे के—“तए णं दढपतिण्णे दारए पंचधाईपरिक्खित्तेखीरधाईए मंडणधाईए मजणधाईए अंकधाईए किलावणधाईए अन्नाहि य बहूहिं चिलाइयाहिं xxx बब्बराहिं, बउसियाहिं, जोण्हियाहिं, पण्हवि. याहिं, ईसिणियाहिं, वारुणियाहिं, लासियाहिं, लाउसियाहिं, दमिलीहिं, सिंहलीहि, पुलिंदीहिं, आरबीहिं, पक्कणीहि, बहलीहिं, मुरंडीहिं, सबरीहिं, पारसीहिं, णाणादेसी-विदेस-परिमंडियाहिं इंगियचिंतियपत्थियवियाणाहिं सदेसणेवत्थगहियवसाहिं निउणकुसलाहिं विणीयाहिं, चेडियाचक्कवालतरुणिवंदपरियालपरिवुडे" – (रायपसेणइय पृ० ३३८, कंडिका-२१० गूर्जरग्रन्थ०)
उक्त पाठनुं विवरण करनार आचार्य मलयगिरि लखे छे के-"चिलातीभिः अनार्यदेशोत्पन्नाभिः xxx बर्बरीभिः-बर्बरदेशसंभवाभिः बकुशि
११७ 'अक्का' (बहेन) द्रविडी शब्द छे. फारसी 'जीन' शब्दनुं 'जयण' सुधार्यु लागे छे. तेलगु भाषामा 'टुंटी' शब्द छे ए, अहीं ' तंट' रूपे आव्यू जणाय छे तंट (पृष्ठ-पीठ). पडुजुवइ (जुवान स्त्री) ने बराबर समान शब्द तेलगुमां पडुचु छे. पड़ी (पहेलवहेली विआयेली) नो बराबर समान, तेलगुमां पडा छे. तेलगुमां पड्डा एटले 'पहेलवहेली विंआयेली गाय' आ संबंधे वधारे माहिती मेळववानी इच्छावाळा विद्यार्थिए परवस्तु वेंकट रामानुजस्वामी संपादित देशीनाममाला (मुंबई सिरीझ) नो शब्दकोश जोवो.
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