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________________ १०४ गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति ६० पालि वगैरे भाषाओगें सामान्य-विशेष स्वरूप अने तेना साहित्यगत अवतरणो आ नीचे आपी दऊं छं. बौद्धमागधी-पालि केटलाक विद्वानो ‘पालि' शब्दने 'पंक्ति' के ___ “पल्ली' मांथी ऊतारे छे. 'पति' एटले शास्त्रनी * पंक्ति अक्षरश्रेणी. बौद्धधर्मनां मूळ पुस्तक पिटक ग्रंथोमां जे अक्षरपति छे तेनुं नाम 'पालि 'भाषा. 'पल्ली' एटले गामडुं अने गामडामां जे भाषा प्रवर्ती ते 'पालि' भाषा. 'पालि' शब्दना मूळरूप अने व्युत्पत्ति संबंधे आ उपरांत बीजा पण अनेक मतो चाले छे. तेमां मोरो पण एक नम्र ६५ जे जे शब्दो भाषानां नामो माटे वपरायेला छे ते बे जातना छे; केटलाक कोई देश साथे संबंध राखनारा अने केटलाक भाषाना स्वभाव साथे संबंध राखनारा. मागधी, शौरसेनी वगेरे शब्दो ते ते देश साथे संबंध धरावे छे अने प्राकृत, अपभ्रंश शब्दो भाषाना स्वभावनी साथे संबंध राखे छे. आ जोतां एक विशिष्ट भाषा माटे प्रसिद्धि पामेलो 'पालि' शब्द शं कोई देश साथे संबंध राखे छे ? के भाषाना स्वभाव साथे संबंध धरावे छे ? आवो प्रश्नथाय ए स्वाभाविक छे. आ संबंध में फार्बस गुजराती सभाना मुखपत्र त्रैमासिक ( १९४१ जुलाई-सप्टेंबर पृ० २५०) मां 'पालिभाषा' ए मथाळा नीचे सविस्तर चर्चा करेली छे. तेमा चर्चायेली हकीकतनो तद्दन संक्षिप्त सार आ प्रमाणे छे: 'पालि' भाषाना सूचक 'पालि' शब्दना मूळ विशे खरी हकीकत आ प्रमाणे छे: 'पालि' शब्द मूळे कोई जातनी भाषाना अर्थनो वाहक ज नथी, परंतु भगवान बुद्धनी 'धर्मदेशना' ना अर्थमां ए शब्द बौद्धसाहित्यमां वारंवार वपरायेलो छे. अने भगवान बुद्धे जे भाषामां लोकोने उपदेश आपेलो ते भाषा माटे तो 'मागधी' शब्द ज वपरायेलो छे. परंतु पाछळथी भगवान बुद्धनी देशना अने मागधी भाषानो अभेद कल्पायो अने ते जातनी अभेद कल्पनाने लीधे देशना-उपदेशवाचक 'पालि' शब्द पण लक्षणाने कारणे 'भाषा' अर्थमां रूढ थयो. आम होवाथी भाषावाचक ‘पालि' शब्दना मूळनी शोध करवी व्यर्थ छे. परंतु देशनावाचक 'पालि' पदना मूळनी शोध आवश्यक खरी. बौद्ध साहित्यना मूळरूप पिटकग्रंथोमां स्थळे स्थळे 'देशना' ना अर्थ माटे 'परियाय' शब्द वपरायेलो छे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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