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एवा जंगलमां कोई मुसाफर आवे छे के केम ?' एनी तपास राखवा चोरोना स्वामीए पोताना एक माणसने कोई ऊंचा वृक्षनी टोचे चडा. वीने वेसार्यो हतो. ए माणसे स्वच्छंद लीलाथी चाल्या आवता गोशालाने जोई अने पोताना स्वामीने कां के, एक नग्न श्रमण चाल्यो आवे छे. [पृ०३३] तेणे कां के कोई बँटवा जेवी चीज तेनी पासे देखाती नथी एटले ज ते अहीं चालतां बीतो नथी. जो तेनी पासे कोई एवी चीज होत तो ते माणस वगरनी आ अटवीमां शा माटे पेसत ? अथवा आ कोई दुराचारी होवो जोईए अने आबु रूप लईने अमारो परिभव करवा आवतो होवो जोइए-एम मने लागे छे, तो एने अस्खलित गतिथी आववा द्यो. अहीं आवशे एटले एनो आ दुर्विनय दूर करीशं. ए. बन्ने एम बोलता हता त्यां गोशालो तेमनी पासे आवी पहोंच्यो. पछी तो तेमणे दूरथी ज अभिलाषा साथे कडं के, हे मामा ! आवो, तमने अहीं स्वागत छे. आम कहोने गोशाळाने हाथमां पकडयो, पीठभर ऊंधो कयों अथवा ऊंचो को एटले वांको वाळयो. मरणना भयनी बीकथी तेणे पीठ ऊंची करी एटले ते घोडानी जेम पीठभर ऊंचो थयो-वांको वळयो. पछी तो पांचसो चोरो साथे चोरनो स्वामी अनुक्रमे एटले. एक एक पछी एक जण तेना उपर सवार थईने तेने घोडानी पेठे लांबो वखत चलाव्यो, हवे तो ए (गोशाळो) भूख, तरश अने थाकनो मार्यो हेरान हेरान थई गयो, तेना प्राण कंठे आवी गया. एवो थई गयो त्यारे तेने छोडी दीधो. पछी ए चोरो पोताने अभिमत स्थाने गया. गोशाळो पण खूब ज थाकी गयेलो हतो अने जाणे मोगरीना घा पडवाथी जर्जर थई गयो
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