________________
५१
चोकीदाराने निष्ठुर वचनो संभळावी तेमने सारी रीते तिरस्कार साथै टपको आपे छे. ७
अने कहे छे के, रे रे हताशो ! सिद्धार्थ राजाना पुत्र अने धर्म चक्रवर्ती एवा आ पुरुषने केम छोडी देता नथी ? अने तमे आ गुनो कर्यो छे ते माटे एमनी पासे क्षमा पण जल्दी मागी ल्यो. ८
वळी एओ कहे छे के, रे ! जो आ बात कोई पण रीते इन्द्रना कान उपर जशे तो खरेखर राज्य अने राष्ट्र सहित तमने बधाने यमना घरे मोकलशे -मारी नाखशे. ९
ए बे परिव्राजिकाओए आम कह्या पछी ते चोकीदारो भयभीत थई गया अने विनयथी नम्र बनीने भगवंतने नमवा लाग्या अने कपालमां पोताना बन्ने करकमळ लगाडीने पोतानी आ भूलनी माफी मागवा लाग्या. १०
हवे तेमनाथी छूटा थयेला भगवान वैशाली नगरीए जवा माटे चालवा लाग्या, त्यां जतां तेमने बच्चे फंटायेला बे रस्ता मल्या. १९१ हवे लाढा वगैरे अनार्य देशोमां जवाथी विविध प्रकारना कठोर उपसर्गोने लीधे भांगी गयेलो छे ऐवो गोशालक त्यां स्वामीने विनंसि करवा लाग्यो. १२
[पृ०३२] एक तो तमे हुं खरेखर मार खातो होउं ते जोता छतां मने बचावता नथी अने बीजुं तमने ज्यारे उपसर्गो थाय छे त्यारे मने पण उपसर्ग थाय छे. १३
बीजुं वळी, प्रथम तो लोको मने ज मारे छे अने पछी तमने तथा रोज रोज भोजन माटे पण महाक्लेश मारे भोगववो पडे छे.
૪
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org