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गम्मतप्रिय होवाली मौन रह्यो एटले कशु ज न बोल्यो. तेथी ते कालहत्यी रोपे भरायो अने भगवानने तथा गोशालाने खूब मार मारीने बांधीने पोताना मोटा भाई मेहनी पासे मोकली आप्या. मेह भावानने बांधेला जोइने ऊभो थयो. तेमनां बंधनो छोडी नाखी तेणे भगवाननी पूजा करीः अने क्षमा मागी. ज्यारे ते मेह कुंडग्राम नामना नगरमां सिद्धार्थ राजानी पासे गयो हतो त्यारे तेणे स्वामीने जोया हता. हवे बंधनमांथी छूटा थयेला भगवाने पोताना अवविज्ञान द्वाग जो तो मालूम पड्युं के हजी तो निर्जरा करवा जेवां घणां कर्मो बाकी छे. [४० २८ ] सहायक विना कर्मोनी निर्जरा थइ शकशे नहीं. आ स्थले ग्रंथकार कहे छे के, सहायकनुं उदाहरण कहेवू युक्त छे. ते उदाहरण आ प्रमाणे छे.
एक खेर छे. दाणा आवी गया छे अने पाकी पण गया छे एने लीधे अनाजना छोड़ एमां नमी पड्या छे - लची पड्या छे. ए जोइन ए खेतरनो मालिक हवे ए छोडोने जल्दी लगी लवानो विचार कावा लाग्यो. १
मालिक एकलो ए छोडोने लगी शके एम नथी तेथी तेणे उचित दाड़ा-माटुं देवानुं ठरावीने एणे बाजा घणां लोकोने पण लणणना काममा जोड्या. २
एज गते धणा लांबा कालथी भेगां थयेलां मारां पूर्वभवनां कर्मोनी निर्जरा करवा माटे मारे पण अनार्य देशमा विहार कम्बो जोइये अन् अना देशमा विहार करवाया अनार्य लोको मने कष्ट आगो, मारशे अने एयी मारां कर्मानी निर्जरा थशे एटले अनार्य
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