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________________ देशना लोको ए रीते मारा कर्मनी निर्जरामां सहायक थशे माटे मारे अनार्य देशना विहारनी सहायता मेलववी जोईये. ३ अनार्य देशना रहेवासी लोको वगर करणे जखूब कोप करे छे अने एथी ए लोको मने उपसर्ग करशे अने ओम थवाथी एओ मारा कर्मोनी निर्जरामां सहायक थशे. ४ आम विचार करीने म्लेच्छ लोकोनी वस्ती ज्यां पुष्कळ छे एवा रढा नामना अनार्य देशमां गोशालकनी साथे मोहनो विजय करेला नाथ विहरवा लाग्या. ५ अनार्य देशमा विहार करता भगवानने जोईने केटलाक पापी अने निर्दय लोको आ कोइ जासूस गुप्तचर छे एम मानीने तेमने निष्ठुर रीते मुक्का मारीने पजववा लाग्या. ६ ___बीजा कळी एवा ज केटलाक असभ्य भाषाद्वारा एटले गाळो दईने भागवाननो तिरस्कार-अवहेलना करवा लाग्या. बीजा वळी केटलाक भयानक मुखवाला डाघीया कूतराओ तेमना पर छोडवा लाग्या एटले कूतरा करडाववा लाग्या. ७ व्यंतरदेवो, बीजा देवो, यक्षो तथा राक्षसो वगरे देवोनो समूह जेमना उपर बहुमान राखे छे छतां अत्यारे तो जिन एकला ज आवी पडेला उपसर्गोने सहन करी रह्या छे. ८ आ जोइने पाछळ रहेलो गोशाळक पण 'आ मारा धर्माचार्य छे' 'मारा मनमा एमना उपर स्नेह छे' एम समजी भगवाननु दुःस्व अनुभवी रह्यो छे. ९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004873
Book TitleMahavira Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherPrakrit Vidya Mandal Ahmedabad
Publication Year1966
Total Pages154
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Story
File Size6 MB
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