________________
अने तेमने मारवा माटे मजबूत रीते लाकडीओ पकडीने ऊँची करवा लाग्या. १४
___ आ वखते ए देवळमां हाथमां हाथ राखीने बेठेली बळदेवनी प्रतिमाने भगवानना पक्षपाती कोई व्यंतरे भगवानने मारवा आवेला लोकोने बीबराववा माटे तेमनी सामे चलावीने खडी करी. १५
त्यारे आवो कोईवार नहीं जोएलो बनाव जोइने एटले बलदेवनी प्रतिमाने चालीने पोतानी सामे आवी ऊभी रहेली जोइने ए लोको एकदम भयभीत थई गया अने भगवानने विविध प्रकारे पोतानी भूलनी क्षमा आपवा विनंती करवा लाग्या. १६
ए लोकोए भगवानने खमावीने छोडी दीधा एटले जगगुरु भगवान चेराक संनिवेशमां गया, त्यां कोई आवजाव न करे एवा एकान्त प्रदेशमां जईने ए तो ध्यानमुद्रामा रह्या, हवे गोशालाने तो खूब भूख लागी अने तेथी हेरान थइने ते भगवानने पूछवा लाग्यो - हे भगवान ! आजे भिक्षा माटे चालवू छे के नहीं ? सिद्धार्थे जवाब आप्यो के हजु अमारे वार छे. पछी गोशाळो एकलो गाममां भिक्षा माटे पेठो. ते वखते गाममां गोठy-उजाणीनु भोजन तैयार थतुं हतुं अने ते अंगे घणी जातनी खावानी जुदी जुदी वानाओ [पृ० २७] बनती हती. आ जोइने भूख्यो थयेलो गोशालो अस्थिर थइ जवाथी 'हवे केटली वार छे ? क्यारे लोको खावा बेसशे ?' ए बात जाणवा माटे वारंवार छूपीरीते संताइने गोठना भोजननी तैयारी तरफ जोवा लाग्यो. ए वखते ए गाममां ते दिवसे
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org