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________________ ૧૪૧ و سه श्रीमाल पुराण षोडशक षट्- त्रिंशजल्प १२ सम्यक्त्व वृत्ति षष्टि-शतक ८] सेनप्रश्न षष्टि-शतक-वृत्ति ८ सम्बोध प्रकरण परिशिष्ट ४. मूल-वृत्ति-अवचूरिका-गत-ग्रन्थकारनाम नाम गाथाङ्क गाथा श्री देवेन्द्रसूरि (अव०)४ श्री धनेश्वरसूरि श्री हरिभद्रसूरि ६०-६६ श्री प्रद्युम्नसूरि श्री हीरविजयसूरि श्री रलशेखरसूरि, (अव०) ३८-३९-४० परिशिष्ट-५. विशेष-नाम-सूचि-सङग्रह ['मूले वृत्ति-स्थ'] नाम गाथाङ्क | नाम गाथाङ्क अणहिल्लपुर पाटण १२ गौतम २९-३० अनन्तवीर्य २९-३० चन्द्रकला अयोध्या २९-३० चन्द्रकुमार अनुद्धरा २९-३० चन्द्रपुर अन्धक-वृष्णि जरासन्य आभड जिनदत्त ६७ आगम व्यवहार जिनदास १२-६७ आज्ञा व्यवहार जीत-व्यवहार ४९-५०-५१ ११ तगरा ऋषभदत्त तामलि कपिल २९-३० ताम्रलिप्ति २३-२४ कर्मसार ६७ थीरापद्र (थराद) १२ काञ्चनपुर दिगम्बर काल देवसेन कुमारपाल १२ द्रव्य-सप्ततिका २९-३० द्रव्य-सप्ततिका वृत्ति ४३ धनवती कोशल धनावह २३-२६-६७ गजपुर २९-३० धरणेन्द्र गर्दभिल्ल १९-२० धवळक्क (धोलका) गन्धिलावती धारणा-व्यवहार गुणशील ५० | धारा ६७ २६ १२ २९-३० ७१ कुरुक्षेत्र कुशस्थल ६७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004845
Book TitleDravya Saptatika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLavanyasuri
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year
Total Pages326
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Religion
File Size11 MB
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