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________________ [१५३ લધુવૃત્તિઓટમ અધ્યાય-દ્વિતીય પાદ पूर्वस्य पुरिमः ॥८॥२॥१३५॥ पूर्व शहने मय पुरिम श६ विक्ष्ये वापरवे.. पुरिमं, पुव्वं-पूर्वम्-पूर्व नु. पुरा भवम् पुरिमम् पुरा+इ=पुरिमम्-५सान આ રીતે પુરા શબ્દ દ્વારા પુરમ શબ્દ સાધી શકાય છે. 'पुरिम-चरिमाण कप्पो' पूर्वना ताय ४२ ना भने ५२५-सा ताय ४२ना સાધુઓને આચાર. त्रस्तस्य हित्थ-तछौ ॥८॥२॥१३६॥ वस्त शहने परी हित्थ भने तट्ठ शम्। १८चे वा५२वा. हित्य, तर, तत्थं-स्तम्-त्रास पास-पायेस. तत्थं-त्रालु बृहस्पतौ बहोः भयः ।।८।२।१३७॥ बृहस्पति शहना बृह-बह मेवा मे ८५ मने पहले भय सेवा मे नाना ઉચ્ચાર કર. भयस्सई, भयप्फई, बृहस्पतिः, वान। गुरु, प्रपतवार, गुरुवार भय न याय सारे-वहस्सई, बहप्फई, बहप्पई, बिहस्सई, बिहप्फई, बिहप्पई, बुहस्सई, बुहप्फई, बुहप्पई-बृहस्पति:-तु। ८११।१३८ मलिन-उभय-शुक्ति-छुप्त-आरब्ध-पदातेः मइल-अवह-सिप्पि छिक-आढत्त-पाइक्कं ॥८।२।१३८॥ मलिन ने पहले मइल, उभय ने पहले अवह, शुक्ति । महले सिप्पि, छुप्त ने महसे छिक्क, आरब्ध ने पहले आढत्त भने पदाति ने पहले पाईक उभ्यारण विदथे २. मइलं, मलिणं-मलिनम्-भलिनअवहं, उभय-उभयम्-अन्न-1 ब्लेड अवहोआसं-उभयावकास-उभयावकाशम्-थे पाणु अाशवाणु अवहबलं-उभयबलं-उभयबलम्-से यानुनु ३ रे माना माणु सिप्पी, सुत्ती-शुक्ति:- छी५ छिको, छुत्तो-छुप्त:-२५शेसो-धुले। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004814
Book TitleSiddhahemshabdanushasana Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherUniversity Granth Nirman Board
Publication Year1978
Total Pages534
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati & Grammar
File Size17 MB
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