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पद्यनु आदिवाक्य विगिंच वितहं पि वित्तेण ताणं वित्तं पसवो विभूसा इत्थिसं
१५३
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विभूसं
पद्यनो अंक | पद्यनुं आदिवाक्य . पद्यनो अंक ९९ सयं समेच्च सरीरमाहु
२२१ १०३ | सल्लं कामा १६६ | सवक्कसुद्धिं
सव्वत्थुवहिणा
सव्वभूयप्पभूयस्स २८४ ३८ सव्वस्स जीव८८ सव्वस्स समण१७० सव्वाहिं अणुजु१९१ सव्वे जीवा १२५ सव्वं विलवियं
१५४ २४८ | सुइंच लर्बु
१०६ २२७ सुवण्णरुप्पस्स
१५० सुहसायगस्स
३०१ २६६ सोच्चा जाणइ
२८६ २० सो तवो सोही उजुय
९८ २४९ संथारसेजा
२४७ १९९ | संबुज्झमाणे संबुज्झह किं न
१६४ १३ । संसारमावन्न
विरई अबंभविवत्ती अविणीवेया अहीया न वेराइं कुव्वइ वोच्छिन्द सक्का सहेर्ड सद्दे रूवे य सईधयारसन्तिमे समयाए समया सव्वसम्मदिठ्ठी समावयंता समिक्ख समं च सयं तिवायए
सुत्तेसु
६५
२३५
२७१
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