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पा अल्पबहुत्व.--असंख्यातप्रदाशन अल्पबहुत्व. दशप्रदेशकाण काळा पुद्गलो.- परमावधी सकम्प होय .. ४० २२३. परमायस्थितिबाळा मुद्गलो अल्पबहुत्व.-प्रदेशावगाट ए अल्पबहुत्व.---परमाण मानबहुल.- संख्यातप्रदेशित अल्पबहुत्व. पृ० २२
ग्मादिरूपता.-परिमंडलादि संस्थाननी प्रदेशरूपे कृतयुग्मादिरूपता.-परिमंडलादि संस्थानो प्रदेशरूपे शुं कृतयुग्मादिरूप छे?-परिमंडल संस्थान केटला प्रदेशावगाढ होय !-वृत्तसंस्थान, व्यससंस्थान, चतुरनसंस्थान, आयतसंस्थान पृ० २०९.-परिमंडलसंस्थानो.-वृत्तसंस्थानो.-व्यसंस्थानो.-चतुरस्त्रसंस्थानो.-आयतसंस्थानो.-परिमंडलसंस्थाननी स्थिति. परिमंडलसंस्थानोनी स्थिति.-परिमंडलादि संस्थानना वर्णादि पर्यायो पृ० २१०.-द्रव्यरूपे आकाशप्रदेशनी श्रेणियोनी संख्या. लोकाकाशनी श्रेणिओ.-अलोकाकाशनी श्रेणिओ.-आकाशश्रेणिनी प्रदेशरूपे संख्या पृ० २११.-अलोकनी श्रेणि.-लोकाकाशश्रेणिओ अने सादि सपर्यवसितादि भंग.-अलोकाकाशनी श्रेणिओ संबंधे सादि सपर्यवसितादि भांगा पृ० २१२.-आकाशनी श्रेणिो द्रव्यरूपे कृतयुग्मादिरूप छे?-प्रदेशरूपे कृतयुग्मादिरूप छे? लोकाकाशनी श्रेणिओ.-ऊवं अने अधो लांबी श्रेणिओ.-अलोकाकाशनी श्रेणिओ.श्रेणिना सात प्रकार पृ. २१३.-परमाणुनी गति.-द्विप्रदेशिक स्कन्ध.-नैरयिकोनी गति.-नरकावास.-आचारांगादि अंगनी प्ररूपणा.-पांच गतिर्नु अल्पबहुत्व.-आठ गतिर्नु अल्पबहुत्व.-सेन्द्रियादि जीवोनुं अरुपबहुत्व पृ० २१४.-जीव-पुद्गलोना सर्व पर्यायो- अल्पबहुत्व.-आयुषकर्मना बन्धक अने अवन्धक इत्यादिनुं अल्पबहुत्व पृ० २१५.
शतक २५ उद्देशक ४ पृ. २१५-२३५. युग्मना प्रकार.-नैरयिकोमा केटला युग्मो होय !-वनस्पतिकायिकमां कृतयुग्मादि राशि- अवतरण पृ० २१५.-द्रव्यना प्रकार.-धर्मास्ति कायादि द्रव्यमा कृतयुग्मादि राशिनु भवतरण.-जीवास्तिकाय द्रव्यरूपे शुं होय !-पुद्गलास्तिकायमां कृतयुग्मादिनु अवतरण.-धर्मास्तिकायना प्रदेशो.-धर्मास्तिकायादिनुं अल्पबहुत्व.-धर्मास्तिकाय अवगाढ छे के अनवगाढ?-लोकाकाशमां अवगाढता पृ. २१६.-असंख्यात प्रदेशमा अवगाढता.-रत्नप्रभानी अवगाढता.-जीवद्रव्यमा कृतयुग्मादिनी प्ररूपणा.-नैरयिकोमां कृतयुग्मादि राशिओनुं अवतरण.-जीवप्रदेशोमां कृतयुग्मादि राशिओ.-सिद्धोमां कृतयुग्मादिनो समवतार पृ० २१५.-जीवोमा प्रदेशापेक्षाए कृतयुग्मादि राशिओ.-सिद्धोमा प्रदेशनी अपेक्षाए कृतयुग्मादिरूपता.-एक जीवाश्रित आकाशप्रदेशर्मा कृतयुग्मादि राशिओ.-अनेक जीवाधित आकाशप्रदेशमा कृतयुग्मादि राशिओ.-नैरयिकादि दंडको अने सिद्धाश्रित आकाशप्रदेशनी अपेक्षाए कृतयुग्मादि राशिओ.-जीवना स्थितिकाळना समयोने आश्रयी कृतयुग्मादि राशिओ.-नैरयिकादि जीवनी स्थितिकाळना समयोने आश्रयी कृतयुग्मादि राशिओपृ. २१८.'नरयिकादि कृतयुग्मसमयनी स्थितिवाळा छै' इत्यादि प्रश्न.-जीवना काळा वर्णना पर्यायो.-जीवना आभिनिबोधिकपर्यायो कृतयुग्मादिराशिरूप छे ?जीवोना आभिनिबोधिकादि ज्ञानना पर्यायो पृ० २१९.-जीवना केवलज्ञानना पर्यायो कृतयुग्मादि राशिरूप छे ? -जीवोना केवलज्ञानना पर्यायो.--जीवना मतिअज्ञानना पर्यायो.-शरीरना प्रकार.-जीवो सकंप होय के निष्कंप होय?-देशथी के सर्वथी सकम्प होय? पृ. २२..-परमाणु.-एक आकाश प्रदेशमा रहेला पुद्गलो.-एक समयनी स्थितिवाळा पुद्गलो.-एकगुण काळा पुद्गलो.-परमाणु अने द्विप्रदेशिक स्कन्धर्नु अल्पबहुत्व. पृ. २२१.द्विप्रदेशिक अने त्रिप्रदेशिक स्कन्धर्नु अल्पबहुत्व.-दशप्रदेशिक अने संख्यातप्रदेशिकनुं अल्पबहुत्व.-संख्यातप्रदेशिक अने असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धनुं अल्पबहुत्व.-असंख्यातप्रदेशिक अने अनन्तप्रदेशिक स्कन्धर्नु अल्पबहुत्व.-परमाणु अने द्विप्रदेशिक स्कन्धनुं प्रदेशार्थरूपे अल्पबहुत्व.असंख्यातप्रदेशिक अने अनन्तप्रदेशिकचें अल्पबहुत्व.-प्रदेशावगाढ पुद्गलोनुं द्रव्यरूपे अल्पबहुत्व पृ. २२२.-प्रदेशावगाढ पुद्गलोर्नु प्रदेशरूपे अल्पबहुत्व.-समयस्थितिवाळा पुद्गलो- अल्पबहुत्व.-वर्ण, गन्ध अने रसविशिष्ट पुद्गलोर्नु अल्पबहुंत्व.-स्पर्शविशिष्ट पुद्गलोर्नु अल्पबहुत्व पृ० २२३. परमाणुथी आरंभी अनन्तप्रदेशिक स्कन्धोनुं अल्पबहुत्व.-प्रदेशावगाढ पुद्गलोनुं अल्पबहुत्व.-एक समयादि स्थितिवाळा पुद्गलोनुं अल्पबहुत्व पृ. २२४.-वर्णादिविशिष्ट पुद्गलो- अल्पबहुत्व.-परमाणुमा कृतयुग्मादि राशिनो समवतार.-परमाणुओ.-परमाणु प्रदेशरूपे कृतयुग्मादिरूप छ? पृ० २२५.-द्विप्रदेशिक स्कन्ध.-निप्रदेशिक स्कन्ध.-चतुःप्रदेशिकादि स्कन्ध.-संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध.-परमाणुओमा प्रदेशरूपे कृतयुग्मादि राशिओ. द्विप्रदेशिक स्कन्धो.-त्रिप्रदेशिक स्कन्धो.-चतुष्प्रदेशिकादि स्कन्धो.-संख्यातप्रदेशिकादि स्कन्धो.-परमाणुनी प्रदेशावगाढता.-द्विप्रदेशिक.-त्रिप्रदेशिक.-चतुःप्रदेशिक.-परमाणुपुद्गलो.-द्विप्रदेशिक स्कन्धो.-त्रिप्रदेशिक स्कन्धो.-चतुःप्रदेशिक स्कन्धो.अनन्तप्रदेशिक परमाण्वादिनी कृतयुग्मादि समयनी स्थिति पृ० २२७.-वर्णादि पर्यायोनी कृतयुग्मादिरूपता.-परमाणु सार्ध के अनर्ध!-द्विप्रदेशिकादि स्कन्ध सार्ध के अनर्ध ! पृ. २२८.-परमाणु सकंप होय के निष्कंप होय ?-परमाणुनी सकंपावस्थानो काळ.-परमाणुनी निष्कंपतानो काळ.-सकंप परमाणुर्नु अंतर पृ. २२९.-निष्कम्प परमाणुर्नु अन्तर.-सकम्प अने निष्कम्प द्विप्रदेशिकादि स्कन्धर्नु अन्तर.-निष्कम्प द्विप्रदेशि. कादि स्कन्धर्नु अन्तर.-सकम्प परमाणुओर्नु अन्तर.-सकम्प अने निष्कम्प परमाणुओर्नु अल्पबहुत्व.-असंख्यातप्रदेशिक स्कन्धो.-सकम्प भने निष्कम्प अनन्तप्रदेशिक स्कन्धोर्नु अल्पबहुत्व.-सकम्प अने निष्कम्प एवा परमाणु, संख्यातप्रदेशी, असंख्यातप्रदेशी अने अनन्तप्रदेशी स्कन्धोर्नु अलबहुत्व पृ. २३०.-परमाणुनो कम्प केवी रीते होय?-द्विप्रदेशिकादि स्कन्धनो कम्प केवी रीते होय?-परमाणुओनो कम्प केवी रीते होय?-द्विप्रदेविकादि स्कन्धोनो कम्प केवी रीते होय ? पृ. २३१.-परमाणुंना कंपननो काळ.-परमाणुना अकंपननो काळ.-द्विप्रदेशिकादि स्कन्धनो देशकम्पनकाळ.सर्वकंपनकाळ.-निष्कंपनकाळ.-परमाणुओनो कंपनकाळ.-निष्कपनकाळ.-द्विप्रदेशिकादि स्कन्धोनो देशकंपनकाळ.-सर्वकंपनकाळ.-अकंपनकाळ.सर्वांशे सकंप परमाणु- अन्तर.-निष्कंप परमाणुर्नु अन्तर पृ० २३२.-देशथी सकंप द्विप्रदेशिक स्कन्धर्नु अन्तर.-सर्व सकंप द्विप्रदेशिक स्कन्धनुं अन्तर.-निष्कंप द्विप्रदेशिकर्नु अन्तर.-सकंप परमाणुओर्नु अन्तर.-अकम्प परमाणुओर्नु अन्तर.-अंशतः सकंप द्विप्रदेशिक. स्कन्धोनुं अन्तर.सर्वतः सकंप द्विप्रदेशिक स्कन्धोनुं अंतर.-निष्कंप द्विप्रदेशिक स्कन्धर्नु अन्तर.-सकंप भने निष्कंप परमाणुओर्नु अल्पबहुत्व.-सकंप अने निष्कंप द्विप्रदेविक स्कन्धोनुं अल्पबहुत्व पृ. २३३.-अनन्तप्रदेशिकर्नु अल्पबहुत्व.-द्रव्यार्थादिरूपे परमाणु वगेरेनुं अल्पबहुत्व पृ. २३४.-धर्मास्तिकायना मध्य प्रदेशो.-अधर्मास्तिकायना मध्यप्रदेशो.-आकाशना मध्यप्रदेशो.-जीवना मध्यप्रदेशो-जीवना मध्यप्रदेशोनी अवगाहना पृ. २३५.
शतक २५-उद्देशक ५ पृ. २३५-२३९. पर्यायना प्रकार पृ. २३५-आवलिकानुं खरूप-धानप्राणादिनुं स्वरूप-पुद्गलपरिवर्तनुं खरूप-आवलिकाओ, अनप्राणो, स्तोको भने पुलपरिवौ.-आनप्राण संख्याती आवलिका रूप छे ? पृ. २३६.-एम पल्योपम, पुद्गलपरिवर्त, भानप्राणो, पल्योपमो, पुद्गलपरिवर्तो संबन्धे प्रश्न. खोक संख्यात भानप्राणरूप छ?-सागरोपम, पुद्गलपरिवर्त, सागरोपमो अने पुद्गलपरिवों संख्याता पल्योपमरूप छे ? अवसर्पिणी संख्याता सागरोपमरूप छे? पुद्गलपरिवर्त अने पुद्गलपरिवर्ती संख्याती उत्सर्पिणी.-अवसर्पिणीरूप छे?-अतीताद्धा, अनागताद्धा अने सर्वोद्धा संबंधे प्रश्न पृ. २३८निगोदोना प्रकार.-निगोदजीवोना प्रकार.-नाम-भावना प्रकार पृ. २३९.
शतक २५-उद्देशक ६ पृ. २३९-२६१. १. प्रज्ञापनद्वार-निर्घन्धना प्रकार.-पुलाकना प्रकार,-बकुशना प्रकार.-कुशीलना प्रकार.-प्रतिसेवनाकुशीलना प्रकार पृ. २४०-कषायकृशीलना प्रकार.-निर्मन्थना प्रकार.-नातकना प्रकार.-२ वेदद्वार-पुलाकने वेद-बकुश सवेद के वेदरहित ! पृ० २४१.-कषाय कुशील सवेदी
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