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________________ (भाग-१) व्याख्याप्रज्ञ तिनुं पृष्ठ ६ ३२ ५१ ३९ ४० १३९ १९ २७ ५ ४७ ८६ ९४ २२६ २७५ ५ ३४ ३७ ८६ १ २७८ Jain Education International ३० १५ ४१ २६६ जे शब्द उपर टिप्पण छे ते शब्द अढार लिपि अन्तः पुरनिर्गम अनुभागबंध अवग्रह - ईहा वगेरे ३ जे खास शब्दो उपर टिप्पण छे तेनां स्थळ अने साक्षीभूत ग्रंथ, ग्रंथकारनां नाम अवग्रह अवधिज्ञान | अवसर्पिणी असुरोनो वर्णक आचार्य आवीचिकमरण ८६ खाण ८६ खेट १६ १८५ २१९ २५८ आश्रम आहार आहारपद | उदकगर्भ उपाध्याय ऋषभ औपग्राहिक कर्बट कालादि अष्टप्रकार | कुत्रिकापण गणधर गर्भ ८६ ग्राम १४ | गंगआचार्य गुणरत्नसंवत्सर | चिल्लणा जननिर्गम जंबू खामी | जमालि | जीवाजीवाभिगम टिप्पण माटे साक्षीभूत ग्रंथ वगेरे कल्पसूत्र, विशेषावश्यक, आव'श्यक निर्युक्ति. औपपातिकसूत्र कर्मग्रंथ विशेषावश्यक, रत्नाकरावतारिका, स्याद्वादरत्नाकर. प्रवचनसारोद्धार | तत्त्वार्थसूत्र हैमकोष अभिधानचिन्तामणि औपपातिकसूत्र | विशेषावश्यक, आवश्यकनिर्युक्ति | भगवती सूत्र अभयदेवटीका कर्मग्रंथ प्रज्ञापनासूत्र स्थानांगसूत्र विशेषावश्यक कर्मग्रंथ प्रवचनसारोद्वार अभयदेवटीका २ १०६ व्याख्याप्रज्ञ जे शब्द उपर टिप्पण तिनुं पृष्ठ शब्द अनुवादक अभयदेवटीका अभयदेव टीका आवश्यक नियुक्ति तंदुल वैचारिक विशेषावश्यक प्रवचनसारोद्धार अभयदेव टीका २१०६ सुलसाचरित्र गुजराती औपपातिकसूत्र कल्पसूत्र विशेषावश्यक | जीवाभिगमसूत्र २७ ៖ គឺ គឺ “ · F S S S = = " X & F ន; ३६ २७६ ८६ ९ २५५ ३७ धर्मध्यान धूमांगार ८६ ८६ नगर ८६ | निगम ३५ ५१ ४३ २७ प्रदेशबंध १३ प्रसेनजितनो पुत्र भंते २९२ २५६ पंचप्रतिक्रमणसूत्र, रत्नाकरावता - २९० रिका. १३, १७ १९ ८६ ३१ २४४ २७ २७ २५ ८६ २० ज्योतिष्कोनो वर्णक औपपातिकसूत्र | तत्त्वार्थसूत्र समेतशिखररास, अभयदेवटीका २ १०६ ज्ञान तुंगियानगरी, द्रोणमुख द्वादशांगी २४७ ४५ २५२ ५ नैपातिकपद पत्तन पूर्व भाषा भिक्षुप्रतिमा मडब महावीर महातपस्तीर राजगृह राजगृहनो वर्णक राजधानी राजनिर्गम विपुलपर्वत वैमानिकोनो वर्णक व्यंतरोनो वर्णक शरीरनो वर्णक शिक्षा ३७ शुक्लध्यान ५१ शैलेशी समय टिप्पण माटे साक्षीभूत ग्रंथ वगेरे समुदूधात साधु For Private & Personal Use Only समवायांगसूत्र | तत्त्वार्थसूत्र पंचाशक भवनवासीनो वर्णक औपपातिकसूत्र | अभयदेवटीका २१०६ अभयदेवटीका २ १०६ विशेषावश्यक सूत्र | अभयदेवटीका २ १०६ अभिधानचिन्तामणी कोष कर्मग्रंथ आवश्यकनिर्युक्ति अवचूर्णि विशेषावश्यक प्रज्ञापनासूत्र पंचाशक | अभयदेवटीका २ १०६ कल्पसूत्र | विशेषावश्यकं सूत्र | आवश्यक नियुक्ति अवचूर्णि औपपातिकसूत्र अभयदेवटीका औपपातिकसूत्र समेतशिखररास औपपातिकसूत्र " 35 ऋग्वेदभाष्य तत्त्वार्थसूत्र विशेषावश्यकसूत्र अनुयोगद्वारसूत्र | प्रज्ञापनासूत्र | आवश्यक निर्युक्ति www.jainelibrary.org
SR No.004643
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherDadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
Publication Year
Total Pages442
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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