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________________ १२२ श्रीरायचन्द्र-जिनागमसंग्रहे शतक ८.-उद्देशक १०. २७. [१०] नेरइयाणं भंते! णाणावरणिजस्स कम्मरस केवतिया अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता? [उ०] गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता; एवं सधजीवाणं, जाव-[प्र०] वेमाणियाणं पुच्छा । [उ०] गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता, एवं जहा णाणावरणिजस्स अविभागपलिच्छेदा भाणिया तहा अट्टण्ह वि कम्मपगडीणं माणियथा, आव वेमाणिआणं अंतराइयस्स। २८. [प्र०] एगमेगस्स णं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिजस्स कम्मस्स केवतिपहिं अविभागपलिच्छेदेहिं आवेढिय-परिवेढिए ? [उ.] गोयमा ! सिय आवेढिय-परिवेढिप, सिय नो आवेढिय-परिवेढिए, जइ आवेदिय-परिवेढिए नियमा अणंतेहिं । १.प्रा एगमेगस्सणं भंते ! नेरइयस्स एगमेगे जीवपएसे णाणावरणिजस्स कम्मस्स केवइएहिं अविभागपलि. च्छेदेहिं आवेढिय-परिवेढिए ? [उ०] गोयमा! नियम अणंतेहिं, जहा नेरइयस्स एवं जाव वेमाणियस्स; नवरं मणुसस्स जहा जीवस्स। ३०. [प्र०] एगमेगस्स गं भंते ! जीवस्स एगमेगे जीवपएसे दरिसणावरणिजस्स कम्मस्स केवइएहिं ? [उ०] एवं जहेव नाणावरणिज्जस्स तहेव दंडगो भाणियच्चो जाव वेमाणियस्स; एवं जाव अंतराइयस्स भाणियचं, नवरं वेयणिजस्स, आउयस्स, णामस्स, गोयस्स-एएसि चउण्ह वि कम्माणं मणुसस्स जहा नेरइयस्स तहा भाणिया, सेसं तं चेव । ३१. [प्र०] जस्स णं भंते ! णाणावरणिजं तस्स दरिसणावरणिजं, जस्स दंसणावरणिजं तस्स नाणावरणिजं? [उ०] गोयमा! जस्स णं णाणावरणिजं तस्स दसणावरणिजं नियम अत्थि, जस्स णं दरिसणावरणिजं तस्स वि नाणावरणिजं नियम अत्थि। ३२. [प्र०] जस्स णं भंते ! णाणावरणिजं तस्स वेयणिजं, जस्स वेयणिजं तस्स णाणावरणिजं? [उ०] गोयमा! जस्स णाणावरणिजं तस्स वेयणिजं नियम अत्थि, जस्स पुण वेयणिजं तस्स णाणावरणिजं सिय अत्थि, सिय नत्यि । नैरयिक. २७. ग्र०] हे भगवन् ! नैरयिकोने ज्ञानावरणीयकर्मना अविभागपरिच्छेदो केटला कह्या छे ? [उ०] हे गौतम ! अनन्त अविभा गपरिच्छेदो कह्या छे. ए प्रमाणे सर्वजीवोने-जाणवू; यावद् [प्र०] वैमानिको संबन्धे प्रश्न. [उ०] हे गौतम! अनन्त अविभागपरिच्छेदो कह्या छे. जेम ज्ञानावरणीय कर्मना अविभागपरिच्छेदो कह्या तेम आठे कर्मप्रकृतिना अविभागपरिच्छेदो अन्तरायकर्म पर्यन्त यावद वैमानि कोने कहेवा. जीवनो एक एक २८. प्र० हे भगवन् ! एक एक जीवनो एक एक जीवप्रदेश ज्ञानावरणीय कर्मना केटला अविभागपरिच्छेदो (अंशोथी) प्रदेश केटला हाना MP आवेष्टित-परिवेष्टित छे ! [उ०] हे गौतम ! कदाचित् आवेष्टित-परिवेष्टित होय, अने कदाचित् *आवेष्टित-परिवेष्टित न होय. जो आवेच्छेदोयी आवेष्टित ष्टित-परिवेष्टित होय तो ते अवश्य अनंत अविभागपरिच्छेदो वडे आवेष्टित-परिवेष्टित होय. एक एक नैरयिकनो २९. [प्र०] हे भगवन् ! एक एक नैरयिक जीवनो एक एक जीवप्रदेश ज्ञानावरणीय कर्मना केटला अविभागपरिच्छेदो वडे जीवप्रदेश. आवेष्टित-परिवेष्टित होय ? [उ०] हे गौतम! अवश्य ते अनन्त अविभागपरिच्छेदो बडे आवेष्टित-परिवेष्टित होय. जेम नैरयिको माटे कर्तुं तेम यावद् वैमानिकोने कहे, परन्तु मनुष्यने जीवनी पेठे कहेवू. दर्शनावरणीयना ३०. प्र०] हे भगवन् ! एक एक जीवनो एक एक जीव प्रदेश दर्शनावरणीय कर्मना केटला अविभागपरिच्छेदो वडे आवेष्टित केटला परिच्छेदोथी वेष्टित ? था परिवेष्टित होय ? [उ०] जेम ज्ञानांवरणीय कर्मना संबन्धे दंडक कह्यो तेम अहीं पण यावद् वैमानिकने कहेवो, यावत् अन्तरायकर्म ले पर्यन्त कहेवं. पण वेदनीय, आयुष्, नाम अने गोत्र-ए चार कर्मो माटे जेम नैरयिकोने कयुं तेम मनुष्योने कहे, बाकी बधुं पूर्व प्रमाणेज जाणवू. शानावरणीय भने दर्शनावरणीयनो संबन्ध. ३१. [प्र०] हे भगवन् ! जे जीवने ज्ञानावरणीय कर्म छे तेने शुं दर्शनावरणीय कर्म छे, जेने दर्शनावरणीय कर्म छे तेने शुं ज्ञानावरणीय कर्म छे ? [उ. हे गौतम ! जेने ज्ञानावरणीय छे तेने अवश्य दर्शनावरणीय होय छे, जेने दर्शनावरणीय छे तेने पण अवश्य ज्ञानावरणीय होय छे. . पानावरणीय अने बेदनीयनो संबन्ध. ३२. [प्र०] हे भगवन् ! जेने ज्ञानावरणीय छे, तेने शुं वेदनीय होय छे, जेने वेदनीय छे तेने ज्ञानावरणीय होय छे! उ० हे गौतम ! जेने ज्ञानावरणीय कर्म छे तेने अवश्य वेदनीय होय छे, अने जेने वेदनीय छे तेने ज्ञानावरणीय कर्म कदाच होय अने कदाच न होय. २८. * केवलज्ञानिनी अपेक्षाए आवेष्टित-परिवेष्टित न होय, केमके तेने ज्ञानावरणीय कर्म क्षीण थयेलं होवाथी ज्ञानावरणीयना बढे तेना प्रदेशोने परिवेष्टन होतुं नथी, अने इतर जीवोना प्रदेशो अनन्त अविभागपरिच्छेदोथी परिवेष्टित छ.-टीका. रागपरिच्छेदो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.004642
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherDadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
Publication Year
Total Pages422
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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