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श्रीरायचन्द्र जिनागमसंग्रहे
भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत
श्रीमद्भगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्ति.)
मूल अने अनुवादसहित
पंचम अंग - तृतीय खंड
शतक ७-१५
प्रेरक-श्रीयुत पुंजाभाई हीराचंद .
अनुवादक अने संशोधक
पंडित भगवानदास हरखचंद दोशी
गुजरात विद्यापीठ
अमदावाद.
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