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________________ गुणस्थानक से सीधे ही बारहवें क्षीणमोह नामक गुणस्थानकमें आता है। सम्यकत्व प्राप्त होने पर जीवात्मा कम से कम कितने काल तक संसारमें परिभ्रमण करता है और मोक्ष में कब जाता 341 प्रश्र 343 प्रश्र उत्तर उत्तर सम्यकत्व प्राप्त करनेवाला जीवात्मा कम से कम अंतरमुहूर्त अधिक से अधिक देशोन अर्धपुद्गल परावर्तन तक संसारमें परिभ्रमण करता है। बाद में वह अवश्य ही मोक्षमें जाता है। 342 प्रश्र जीवात्माको मोक्ष किस गुणस्थानक में प्राप्त होता है? तथा उसको मोक्ष जाने में कितना समय लगता है? उत्तर जीवात्मा चौदहवें अयोगी केवली गुणस्थानक में मोक्ष होता है। तथा मोक्ष जाने में मात्र एक समय लगता है। सिद्ध जीवात्मा कितने प्रकार के होते है? और उनमें चतुर्दश गुण स्थानक में से कितने गुणस्थानक होते है? सिद्ध जीवात्मा दो प्रकार के होते है। भाषक और अभाषक। भाषक सिद्धों में एक गुणस्थानक होता है। अभाषक सिद्ध दो प्रकार के होते है । कर्मसहित और कर्मरहित। कर्मसहित जीवात्मा में एक चौदहवाँ अयोगी केवली गुणस्थानक है तथा कर्मरहित जीवात्मामें चतुर्दश स्थाने में से एकमी गुणस्थानक नहीं होता है। 344 प्रश्र पंचमज्ञान-केवलज्ञान उत्पन्न होने के पश्चात् जीवात्मा और शरीर का संबंध कितने काल तक रह सकता है? केवलज्ञान उत्पन्न होने के पश्चात् जीवात्मा और शरीरका संबंध जघन्य से अंतरमुहूर्त तक तथा उत्कृष्ट नव वर्ष कम क्रोड पूर्व वर्ष तक रह सकता है। उत्तर १८3 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004579
Book TitlePuchhata Nar Pandita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKavin Shah
PublisherKusum K Shah Bilimora
Publication Year2002
Total Pages470
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Literature
File Size17 MB
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