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________________ हैं / किन्तु शिष्य-परम्परा में उनके इस कथन को स्थिर रखने के लिए इसका सङ्कलन श्री भद्रबाहु स्वामी ने किया / रचना का आधार इस सूत्र की रचना जिन ग्रन्थों के आधार पर की गई है, उनका नाम क्रमशः दशाओं के अनुसार हम पाठकों की सुविधा के लिए नीचे दे देते हैं: इस में प्रायः बहुत सा भाग समवायाङ्ग सूत्र से केवल कुछ ही परिवर्तन के साथ लिया गया है, जैसे पहली दशा में बीस असमाधि-स्थानों का वर्णन किया गया है / यह सब ‘समवायाङ्गसूत्र' बीसवें स्थान से सूत्र-रूप में ही उद्धृत किया गया है | भेद केवल : इतना ही है कि 'समवायाङ्गसूत्र' में 'बीस असमाहिठाणा पण्णत्ता तं जहा' इतना ही पाठ देकर असमाधि-स्थानों का वर्णन प्रारम्भ कर दिया गया है किन्तु यहां पर 'सुयं मे आउसं तेणं' इत्यादि पाठ उक्त पाठ के साथ और जोड़ दिया गया है / दूसरे में किसी-२ स्थान पर स्थान-परिवर्तन भी कर दिया गया है / इसके अतिरिक्त और कोई भेद इनमें नहीं मिलता। दूसरी दशा के इक्कीस 'शबल-दोष' भी समवायाङ्ग सूत्र से ही ज्यों-के-त्यों उद्धृत कर दिये हैं / भेद केवल पहली दशा के समान भूमिका-वाक्य में ही है | तीसरी दशा की 'आशातनाएं' भी इसी सूत्र से उक्त-रूप में ही ली गई हैं / ___ चौथी दशा में आठ प्रकार की 'गणि-सम्पत्' का वर्णन किया गया है / इस आठ प्रकार की सम्पत् का नाम-निर्देश-मात्र 'स्थानाङ्गसूत्र' के आठवें स्थान में वर्णन किया गया है / विशेष रूप से इसके विषय में वहां कुछ नहीं कहा गया है / अतः इसके अन्य जितने भी भेद, उपदेश यहां मिलते हैं तथा वर्णन की जो कुछ भी विशेषता है, वह किसी दूसरे सूत्र से संगृहीत की गई है / __ पांचवीं दशा में 'चित्त-समाधियों का वर्णन आता है / इसमें से केवल उपोद्धात-भाग संक्षेप रूप में औपपातिक सूत्र से लिया गया है / इसके बाद दश चित्त-समाधियों का गद्य-रूप पाठ समवायाङ्ग सूत्र के दशवें स्थान से उद्धृत किया गया है और शेष पद्य-रूप भाग किसी अन्य सूत्र से संग्रह किया हुआ प्रतीत होता है / छठी दशा में श्रमणोपासक की ग्यारह प्रतिमाओं का वर्णन आता है / उस का भी . सूत्र-रूप मूल पाठ तो समवायाङ्ग-सूत्र के ग्यारहवें स्थान से ही संगृहीत किया गया
SR No.004500
Book TitleDasha Shrutskandh Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAatmaram Jain Dharmarth Samiti
Publication Year2001
Total Pages576
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
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