________________ - - सूत्रानुक्रमणिका एवं खलु समणाउसो तस्स एसणाऽसमिते आवि भवइ दशा 1 ___अणिदाणस्स दशा 10 | ओयं चित्तं समादाय दशा 10 एवं खलु मए धम्मे पण्णत्ते ओहि दंसणे वा से सव्व सव्वहा सव्व चरित्त दुक्खपहाणाए दशा 5 परिवुड्ढे दशा 10 कलह करे दशा 1 एवं खलु समणाउसो' सा णं तत्थ कीयं वा पामिच्चं दशा 1 देवे यावि भवति / एवं खलु केइ रायणियस्स पुव्व-संलवित्तए दशा 3 जाव पडिसुणित्तए - दशा 10 कोहणे दशा 1 एवं खलु समणाउसो निव्वेयं गच्छेज्जा / गच्छह णं तुम्हे देवाणुप्पिया ते अवस्सं विप्पजहणिज्जा दशा 10 एवं वदह दशा 10 एवं खलु समणाउसो ! मए धम्मे पण्णत्ते / गूढायारी निगूहिज्जा दशा६ इणामेव निग्गंथे पावयणे जाव अंतं चउ-मासिया भिक्खु-पडिमा दशा 7 करेति दशा 10 चरिमे चरेज्जा दशा 7 एवं खलु समणाउसो' अणालोइय चिच्चा ओरालियं बोदिं दशा 10 ___ अप्पडिक्कते पच्चायाति दशा 10 छ-मासिया भिक्खु-पडिमा एवं खलु समणाउसो ! निग्गंथी णिदाणं . किच्चा तस्स ठाणस्स . दशा 10 | जइ इमस्स तव-नियमबंभचेरएवं खलु समणाउसो मए धम्मे वासस्स तं चेव जाव साहु पच्चायाति दशा 10 पण्णत्ते दशा 10 दशा 10 एवं खलु समणाउसोपावयणे सच्चे सेसं जइ इमस्स-तव-नियमस्स तं अइजायमाणे वा जाव दशा 10 दशा 6 जं निस्सिए उव्वहइ एवं खलु समणाउसो' उववत्तारो जंपि जाणे इत्तो पुव्वं दशा 10 भवंति तं जहा-महिड्डिएसु जया से दरसणावरणं दशा 10 आसगस्स सदति दशा 10 जया से णाणावरणं . दशा 10 एवं खलु समणाउसो से य परक्कमेज्जा | जस्स णं धम्मस्स निग्गंथे सिक्खाए दशा - अप्पणो चेव अप्पाणं तिणढे / जहा दड्ढाणं बीयाणं ‘समढे दशा 10 जहा मत्थय सूइए दशा 10 एवं खलु मासियं भिक्खु पडिमं जवट्ठियं पडिविरयं दशा 10 अहासुत्तं दशा 7 जस्स णं धम्मस्स निग्गंथे सिक्खाए दशा 10 एवं ससणिद्धाए पुढवीए दशा 1 जाणमाणो परिसओ दशा 10 दशा 7 दशा 10