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________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (391) किंचित् मात्र भी नहीं डिगे। धन्य है उनके माता-पिता को, जिनके कुल में . ऐसा पुरुषरत्न उत्पन्न हुआ। ऐसा उपदेश दे कर रथकार का मन वैराग्य की ओर मोड़ कर उसे श्री स्थूलिभद्रजी के पास भेजा। उसने भी स्थूलिभद्रजी के पास दीक्षा ली। उस समय बारह वर्ष तक अकाल पड़ा। तब सब मुनिराज ग्यारह अंग के जानकार रहे, पर द्वादशांगी का जानकार कोई न रहा। तब सकल संघ ने दो मनुष्य भेज कर श्री भद्रबाहुस्वामी को बुलाया। भद्रबाहुस्वामी ने कहा कि मैंने प्राणायाम ध्यान शुरु किया है, इसलिए मुझसे आया नहीं जा सकेगा। तब श्रीसंघ ने पुनः कहलवाया कि महाराज! जो श्रीसंघ की आज्ञा न माने, उसे किस प्रकार का दंड देना चाहिये? श्री भद्रबाहुजी ने कहा कि उसे गच्छ बाहर करना ऐसी आज्ञा है, पर मुझे ध्यान में अन्तराय होगा, इसलिए श्रीसंघ को ऐसा करना उचित है कि पढ़ने वाले साधुओं को मेरे पास भेज दिया जाये। इससे उन्हें पढ़ाने का कार्य हो सकेगा। तब श्रीसंघ ने मिल कर श्री स्थूलिभद्रप्रमुख पाँच सौ साधुओं को श्री भद्रबाहुस्वामी के पास भेजा। वहाँ गुरु ने सब साधुओं को सात वाचनाएँ दीं। उसमें अन्य सब साधु तो पढ़ने से हार गये, पर श्री स्थूलिभद्रजी ने दो वस्तु कम दस पूर्व पढ़ लिये। इतने में श्री स्थूलिभद्रजी की सात बहनें. यक्षा, यक्षदिन्ना, भूता, भूतदिन्ना, सेना, वेना और रेना ये सातों साध्वियाँ जो श्री संभूतिविजयजी के पास दीक्षित हुई थीं, श्री स्थूलिभद्रजी को वन्दन करने के लिए आयीं। उन्होंने प्रथम श्री भद्रबाहुस्वामी से उन्हें वन्दन कर के पूछा कि स्थूलिभद्रजी कहाँ हैं? गुरु ने कहा कि वे पर्वत की गुफा में पढ़े हुए पूर्व की आवृत्ति कर रहे हैं। तब वे सातों वहाँ गयीं। उन्हें आते देख कर ज्ञान का चमत्कार दिखाने के लिए श्री स्थूलिभद्रजी सिंह का रूप बना कर बैठ गये। वहाँ सिंह को देख कर साध्वियाँ डर कर पुनः गुरु के पास आ कर बोलीं कि महाराज! वहाँ तो सिंह बैठा है। तब गुरु ने ज्ञान से जान लिया कि स्थूलिभद्रजी ने विद्या प्रकट की है, ऐसा लगता है। ऐसा विचार कर के कहा कि अब तुम जाओ, स्थूलिभद्रजी वहीं हैं। वे पुनः वहाँ गयीं
SR No.004498
Book TitleKalpsutra Balavbodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay, Jayantsensuri
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year1998
Total Pages484
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size10 MB
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