________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (123) रथ पर सवारी करे, तो वह राजा बनता है। तांबूल, दही, वस्त्र, चन्दन, जाई, बकुल, कुन्द, मचकुन्द, फूल और वृक्ष ये चीजें स्वप्न में देखे, तो उसे धन प्राप्त होता है। दीपक, पन्ना, फल, पद्म, कन्या, छत्र, ध्वज तथा हार आदि आभूषण स्वप्न में देखे, तो लक्ष्मी का लाभ होता है। प्रहरण, भूषण, मणि, मोती, कनक, रूपा तथा कांस्यपात्र का हरण देखे, तो उसके धनमान की हानि होती है। प्राणान्तक कष्ट होता है। दरवाजा, अर्गला, झूला, करघे की पावड़ी और घर टूटा हुआ देखे, तो उसकी स्त्री का नाश होता है। ___जूते तथा छत्र लिया हुआ देखे या तीक्ष्ण तलवार स्वप्न में देखे, तो उसे मार्गगमन करना पड़ता है। जिस जहाज में सफर कर रहा है, वह जहाज टूट गया है और स्वयं तैर कर पार हो गया है, ऐसा स्वप्न देखे, तो वह परदेश जा कर धन प्राप्त करता है। अंजन से नेत्ररोग, रोमच्छेद देखे, तो धननाश होता है। स्वप्न में भैंसा या ऊँट पर चढ़ कर दक्षिण दिशा में जाये, तो उसकी शीघ्र मृत्यु होती है। कमलाकर, रत्नाकर, जलपूर्ण नदी तथा मित्र की मृत्यु स्वप्न में देखे, तो वह बहुत धन प्राप्त करता है। स्वयं को क्वाथ पीता देखे, तो वह अतिसार के रोग से मृत्यु प्राप्त करता है। स्वप्न में जो यात्रार्थ जाता है, पूजा करता है, उसकी कुलवृद्धि होती है। 'सरोवर में कमल ऊगे हुए देखे, तो वह कोढ़ रोग से मृत्यु प्राप्त करता है। हाथी, घोड़ा, गद्दी, सिंहासन तथा घर के वस्त्र ये चीजें गयी हुईं देखे, तो राजभय उत्पन्न होता है। ___हथियार, आभरण, मणि, मोती, सुवर्ण और रूपा इन चीजों का नाश स्वप्न में देखे, तो उसका धन और मान दोनों चले जाते हैं। अपनी पत्नी को कोई ले जा रहा है, ऐसा स्वप्न देखे, तो उसकी संपत्ति का नाश होता है। अपनी स्त्री का कोई पराभव कर रहा है, ऐसा देखे तो क्लेश उत्पन्न होता है। अपने गोत्र की स्त्री को ले जाते हुए देखे, तो उसके भाईप्रमुख को जेल जाना पड़ता है। अपनी खाट और सफेद वस्त्र स्वप्न में देखे, तो स्वयं को पीड़ा होती है। किसी मनुष्य के पैर का मांसभक्षण करता हूँ, ऐसा स्वप्न