________________ // उपदश........... 425 429 (नवमाध्ययनः तृतीय उद्देशक) | 239. वायु-वनस्पति काय की यला 221. जो शिष्य गुरु की सेवा करता हुआ सम्बन्धी निर्देश............... 422 गुरु के संकेतमात्र से क्रियानुष्ठान 240. औद्देशिक आहार के दोष....... 423 में रत रहता है वही पूजनीय होता है .. 392 | 241. संवर का उपदेश ... 424 222. विनय करने वाले का आशय केवल 242. कषायों के परित्याग का वर्णन..... चारित्र शुद्धि हो और गुरु के आज्ञा के 243. रात्रि में आहार आदि रखने का निषेध 427 अनुसार कार्य करने वाला हो 244. समानधर्मी साधुओं को भोजनार्थ वहीं संसार में पूजनीय होता है ..... 393 निमन्त्रण करने का उपदेश...... 428 223. रत्नाधिक की विनय करने 245. उपशान्त रहने का उपदेश ...... का उपदेश ................. 394 246. हस्त आदि के संयम का वर्णन ..... 224. भिक्षा शुद्धि के विषय का वर्णन ... 247. अमूर्छा भाव का उपदेश ......... 225. हर समय सन्तुष्ट रहने का उपदेश.... .396 248. अहंकार के त्याग का उपदेश...... 436 226. कठोर वचनों को सहन करने का . 249. कुचेष्टा आदि के त्याग का वर्णन ... 439 - उपदेश.................... 397 250. भाव भिक्षु कहाँ जा पहुँचता है 227. अन्य कौन-कौन से गुणों वाला जगत् इस विषय का वर्णन तथा में पूज्य हो सकता है इस विषय अध्ययन का उपसंहार .......... 440 का वर्णन ................... 401 (प्रथम-चूलिका 228. निन्दा का त्याग ............... 403 | 251. संयम में शिथिल होते हुए भिक्षु 229. आचार्य के आदर सत्कार करने को अठारह स्थान मनन करने का फल.................... 404 का आग्रह .................. .. 230. विनय से मोक्ष-प्राप्ति सिद्ध करते 252. अठारह स्थानों की गणना........ हुए उद्देश का उपसंहार .......... 253. भोगों में आसक्त आगामी काल की (नवमाध्ययनः चतुर्थ उद्देशक ओर झांकता ही नहीं .......... 448 231. चार समाधियों का नाम निर्देश 254. संयम से गिरते हुए को इन्द्र की करने के पश्चात् पण्डित के . उपमा से सावधान करने का लक्षण का कथन............ 408 उपदेश.............. 232. विनय समाधि का वर्णन .. 410 | 255. देवता की उपमा .............. 233. श्रुत समाधि का वर्णन..... 412 256. राजा की उपमा ............... 234. तपः समाधि का वर्णन . 257. नज़रबन्द (दृष्टिनिग्रह) की उपमा... 235. आचार समाधि का वर्णन .... 258. मत्स्य का दृष्टान्त .......... 236. उक्त समाधियों का फल.... 417 259. बन्धनबद्ध तथा पंकमग्न हस्ति की [ दशम् अध्ययन ) उपमा.................. 452-453 237. भिक्षु का लक्षण कहते हुए विषय 260. अन्य प्रकार से पश्चाताप का वर्णन 453 भोगों के त्याग का उपदेश........ 261. अधिकारी भेद से नरक तथा स्वर्ग 420 238. पृथ्वी आदि रक्षा के विषय का वर्णन 421 की उपमा......... विषय-सूची] हिन्दीभाषाटीकासहितम् / 449 450 16 452 454