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________________ -दोहलो जाव दारगं-यहां पठित जाव-यावत् पद से सप्तम अध्याय में पढ़े गए "-धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव फले-'" से लेकर "-णवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं-" यहां तक के पदों का ग्रहण करना सूत्रकार को अभिमत है। वर्णन समान होने पर भी नामगत भिन्नता यहां पर पूर्व की भान्ति जान लेनी चाहिए। -पयाता जाव जम्हा-यहां पठित जाव-यावत् पद सप्तम अध्याय में "-ठिति. जाव नामधिजं करेन्ति-" इन पदों का परिचायक है। तथा-पंचधाती० उम्मुक्कबालभावेयहां पठित जाव-यावत् पद द्वितीय अध्याय में पढ़े गए "परिग्गहिते तंजहा-खीरधातीए" से लेकर "-सुहंसुहेणं परिवड्ढति-" यहां तक के पदों का, तथा "तते णं से सोरियदत्ते" इन पदों का परिचायक है। ___-मित्त रोयमाणे- यहां दिए गए बिन्दु से "-णाइ-नियग-सयण-सम्बन्धिपरिजणेणं सद्धिं संपरिवुडे-" इन पदों का ग्रहण करना सूत्रकार को अभिमत है / मित्र आदि. . पदों का अर्थ द्वितीय अध्याय में लिखा जा चुका है। अब सूत्रकार निम्नलिखित सूत्र में शौरिकदत्त के अग्रिम जीवन का वर्णन करते हैं मूल-अन्नया कयाइ सयमेव मच्छंधमहत्तरगत्तं उवसंपज्जित्ताणं विहरति। तते णं से सोरिए दारए मच्छन्धे जाते, अधम्मिए जाव दुष्पडियाणंदे। तते णं तस्स सोरियमच्छंधस्स बहवे पुरिसा दिन्नभतिभत्तवेयणा कल्लाकल्लिं एगट्ठियाहिं जउणं महाणदिओगाहंति ओगाहित्ता बहूहिं दहगलणेहि यदहमलणेहि य दहमद्दणेहि य दहमहणेहि य दहवहणेहि य दहपवहणेहि य पयंचुलेहि य पवंपुलेहि य जम्भाहि य तिसराहि य भिसराहि य घिसराहि य विसराहि य हिल्लिरीहि य झिल्लिरीहि य लल्लिरीहि य जालेहि य गलेहि य कूडपासेहि य वक्कबंधेहि य सुत्तबंधेहि यवालबंधेहि य बहवेसण्हमच्छे यजाव पडागातिपडागे य गेण्हंति गेण्हित्ता एगट्ठियाउ भरेंति भरित्ता कूलं गाहेति गाहित्ता मच्छखलए करेंति करित्ता आयवंसि दलयंति।अन्ने य से बहवे पुरिसा दिन्नभतिभत्तवेयणा आयवतत्तेहिं मच्छेहि सोल्लेहि य तलितेहि य भजितेहि य रायमग्गंसि वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति। अप्पणावि य णं से सोरिए बहूहिं सोहमच्छेहि जाव पडागातिपडागेहि य सोल्लेहि य तलिएहि य भज्जिएहि य सुरं च 6 आसाएमाणे 4 विहरति। 652 ] श्री विपाक सूत्रम् / अष्टम अध्याय [प्रथम श्रुतस्कंध
SR No.004496
Book TitleVipak Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmuni, Shivmuni
PublisherAatm Gyan Shraman Shiv Agam Prakashan Samiti
Publication Year2004
Total Pages1034
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size21 MB
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