________________ विषय विषय पृष्ठ धारण करते हैं और भगवान् की वाणी मोक्षपर्यन्त अनागत भवों का विवेचन। 964 सुनते हैं वे भी धन्य हैं। यदि भगवान् द्वितीयश्रुतस्कन्धीय चतुर्थ अध्याय . यहां पधार जाएं तो मैं भी भगवान् के |152. चतुर्थ अध्ययाय की उत्थानिका। चरणों में अनगारवृत्ति को धारण करूंगा। 911 / राजकुमार सुवासवकुमार का जीवन 145. सुबाहुकुमार के कल्याण के निमित्त श्रमण परिचय। 968 भगवान महावीर स्वामी का हस्तिशीर्ष द्वितीयश्रुतस्कन्धीय पञ्चम अध्याय नगर में पधारना तथा भगवान के चरणों 153. पञ्चम अध्याय की उत्थानिका। में श्री सुबाहुकुमार का दीक्षित होना। 917 | __राजकुमार जिनदास का जीवन परिचय। 972 146. श्रेणिकपुत्र मेघकुमार का जीवन परिचय। 924 | द्वितीयश्रुतस्कन्धीय षष्ठ अध्याय 147. श्री सुबाहुकुमार द्वारा ज्ञानाभ्यास तथा तप | 154. राजकुमार धनपति का जीवन परिचय। 976 का आराधन करना, अन्त में समाधिपूर्वक ____ द्वितीयश्रुतस्कन्धीय सप्तम अध्याय काल करके सुबाहुकुमार की प्रथम |155. राजकुमार महाबल का जीवन परिचय। 979 देवलोक में उत्पत्ति बतलाकर सूत्रकार ___ द्वितीयश्रुतस्कन्धीय अष्टम अध्याय का अन्त में "-महाविदेह क्षेत्र में जन्म | 156. राजकुमार भद्रनन्दी का जीवन परिचय। 983 लेकर मुक्त हो जाएगा-" ऐसा निरूपण द्वितीयश्रुतस्कन्धीय नवम अध्याय करना। 938 | 157. राजकुमार महाचन्द्र का जीवन परिचय। 987 148. अंग, उपांग आदि सूत्रों का सामान्य द्वितीयश्रुतस्कन्धीय दशम अध्याय परिचय। - 942 | 158. राजकुमार श्री वरदत्त का जीवन परिचय। 990 149. कल्प शब्द सम्बन्धी अर्थविचारणा। 950 | 159. विपाकसूत्रीय उपसंहार 996 द्वितीयश्रुतस्कन्धीय द्वितीय अध्याय | 160. उपधान शब्द की अर्थविचारणा। 998 150. राजकुमार भद्रनन्दी का जीवन परिचय 161. आगमों के अध्ययन के लिए आयंबिलतथा अतीत भव एवं मोक्षपर्यन्त अनागत तप की तालिका। 999 भवों का विवेचन। 957 | 162 विपाकसूत्र का परिशिष्ट भाग 1001 .. द्वितीयश्रुतस्कन्धीय तृतीय अध्याय | 163. परिशिष्ट नं. 1 1003 151. तृतीय अध्याय की उत्थानिका। राजकुमार 164. परिशिष्ट नं. 2 1005 ___ सुजातकुमार के अतीत भव और / | 165. परिशिष्ट नं०३ 1020 विषयानुक्रमणिका] श्री विपाक सूत्रम् [91