________________ श्री विपाक सूत्रम् टीकाकार जैन धर्म दिवाकर, जैनागमरत्नाकर, श्रमणसंघ के प्रथम पट्टधर आचार्य सम्राट् पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज के सुशिष्य पंजाब केसरी बहुश्रुत महाश्रमण गुरुदेव श्री ज्ञान मुनि जी महाराज सम्पादक 'जैन धर्म दिवाकर, ध्यानयोगी श्रमणसंघ के चतुर्थ पट्टधर आचार्य सम्राट श्री शिवमुनि जी महाराज