________________ ९३१-९३२-विहुल विसंतुल जाण सामरि सिंबोल ९३३-९३४-लि भूमि / घरवाडय परोहडं. ९३५-९३६-आयई अजंतकालं च // 264 // वाहि अ य प २७.त्त ९३७-९३८-ऊढिअय पाउअयं मिअ तुच्छ ९३९-९४०-हुंडी घडा पउट्ठो कलाइआ. ९४१-९४२-गडओ खग्यो // 265 // खंड वर्ण 943-944- मुइंगो मुरओ य विवजओ विवज्जासो ९४५-९४६-पमहा गणा कलावो तिउडो ९४७-९४८-वस्थ दुगुल्लं च // 266 // महुर साउ ९४९-९५०-वारी करिधरणष्ट्ठाण अग्गला फलिहो / ९५१-९५२-विसय फुड तरतं परिपर्वत ९५३-९५४-हिअं निरं // 267 // लक्खारुणिअं पल्लविरं ९५५-९५६-आविअं पोइअ घढं थूह / 931 विह्वल. 932 समडी झाड 933 स्थली 934 धरनो वोडो. 935 भविष्यकाळ. 936 वाळेलु 937 प्रावृत 938 मित .939 घटा. 940 प्रकोष्ठ 941 गेंडो. 942 वन 943 मृदंग. 944 विपर्यास 945 गण 946 कलाप 941 वस्त्र. 948 स्वादु. 949 हाथीने बांधवानो दोर. 950 आगडिओ. 951 स्फुट. 952 तरतु. 953 हरेलु.९५४ पल्लवित. 955 परोवेलु. 956 प्रासादनु शिखर.. [12]