SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 146
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९०७-९०८-सोलं पर्यई तत्तं परमत्थं २०९-९१०-गोउर पोली य / रयणो हत्थों ९११-९१२-भीओ हित्थो साहीण अप्पस // 260 // ९१३-९१४-दीणो वरओ विडिर' आडोवो ९१५-९१६-रग्गय च नवरंगे / लण्ई मसिणं ९१७-९१८-ठाणे ओवासो गोरो विसओ // 26 // ९१९-९२०-आरोविअ वल्डअ धो विच्छोलि ९२१-९२२-दसा ऽवस्था : संकू कीलो ९२३-९२४-रुटिअ अलेविरुङ सीरिओ मिन्नो // 262 // ९२५-९२६-असमंजस अनिबद्ध पडिसिद्धो वारिओ ९२७-९२८-चरो पणिही / निहसो कसो ९२९-९३०-समंता सव्वत्तो चारओ कार // 263 // 907 प्रकृति. 908 तत्व. 909 पोळ. 910 हाथ. 911 भय प्रोप्त. 912 स्वाधीन. 913 गरीव. 914 आटोप. 915 नवरंग. 916 लीसुं. 917 स्थान. 91. गोचर. 919 आरोपीत. 920 धोएलु. 921 अवस्था. 922 खोलो. 923 भ्रमरनु रोवू 924 मिन्नः 925 असमंजस. 926 प्रतिषिद्ध. 927 चर. 928 कसोटी. 929 चारे बाजुथी. 930 केदखानु.
SR No.004490
Book TitlePrakrit Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanyamsagar
PublisherSanyamsagar
Publication Year1986
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy