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________________ ५४८-५४९-आवडिअ अब्भडिअ / अहिड्डय' पीडिअ परद्धं च / 550-551 पम्दु विम्हरिभ / चुलचुलिअ फ दिश' फुरिअ' / / 552 ५५३-भट्ट फि ड चुक / परिडूअ अहिलिअपराहू। ५५४-५५५-पारदेविअ बिलविश' / विरोलिअ मंथिों महि / / ५५६-५५७-धंसाडिअ' विमुक / गुडिअं उलिअं च धूसरिभ / ५५८-५५९-अक्को सो च सबिअ / भरिउल्लदृ च वोस / ५६०-५६१-ओइण्ण औअरिअ / गविट्ठ ओसि विमग्गिय / 562-563-2 अवि अं सुण्ण इअ / निमिअं निहिअ च निक्खित्त / / ५६७-५६५-भरेअ टढेअ सरिअ। ओसद्ध पार्डिअ निसुद्ध च / ५६६-५६७-नि मुंडिअ अक तभरोणयं / उभडवेसं च उब्विव्य' / ५६८-५६९-समुहागय आस रेअ। बिंदुइ कगइ कगाया। ५७७-५७१-विरमालिअ विहीरिअ / ओरालिअयं च मालिअय' / / ५७२-५७३-तणुई कर उल्लिहिअ। कप्परिअ दारिअ च निर्भिण्ण ५७४-५७५-उडड्रोण उप्पइअ / जुरिअ उत्तम्मिों नडिअ // 196 548 आपतित. 549 पीडा पामेल. 550 मुलु 551 रपंदवाळु. 552 भ्रष्ट. 553 हारेलु. 554 विलपित. 555 मथेलु . 556 विमुक्त 557 उदलित. 558 शापवाळु. 559 विकसेलु, 560 उतरेलु. 561 गवेषेलु. 562 खाली. 563 निक्षिप्त. 567 याद करेलु 565 पाडेलु 566 भारथी नमो गएलु. 567 उद्धट वेषवाळु. 568 सामे आवेलु 569 विंदुपाछु. 570 बाट जोएलु. 571 मालित. 572 उल्लिखित. 573 काडेलु. 574 उडेलु'. 575 जूरेलु. [27]
SR No.004490
Book TitlePrakrit Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanyamsagar
PublisherSanyamsagar
Publication Year1986
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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