________________ शुद्धि-पत्र पृ० 50 प्राक्कथन अशुद्ध प्रशुद्ध शुद्ध 23 25 418 . महशत्रु ई० स० 1682 जयविजयजी मोहशत्रु ई० स० 1582 नयविजयजी 24 17 ह्यमु पार्षभीयचरित तथा विजयोल्लासकाव्य - 4 5 शाड्गुण्य षाड्गुण्य वासीभि वासोभि 12 सुधां क्षुधां 16 . 18 * कलत्वात्त कुलत्वात्त ध्यापु ध्यान ह्य, . तदही तदहो व्यजिज्ञपम् व्यजिज्ञपन पाटलिम हिमाशोः पाटलिमाहिमांशोः दशोर्दोत्य दृशोदौ त्य 787 श्रुत्वैता? श्रुत्वैतदा? 86 . 11 . कविबुंध कविबुध संशयित संशयितं धनमेव धनस्येव 6. दिग्मोह दिङमोह ,999 is sww