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________________ सहननाम्नामनुक्रमणिका 243 पृष्ठाङ्काः 202 201 163 187 164 नामानि . .. पृष्ठाङ्काः . नामानि संस्कृताप्तये 163 / स्थायिने 'सार्द्ध सस्त्रिकलातीताय . 187 / स्थावराय / सार्वाय 206 / स्थास्नवे सिद्धगिरे 162 स्थितिप्रणिये सिद्धजागरिकात्रयाय 165 स्पर्शगोचराय सिद्धधिये 162 स्पृहातीताय सिद्धशासनाय स्पृहात्यागिने सिद्धस्थानाय . स्पृहापर्शवे सिद्धार्थाय सिद्धाय . स्पृहामुक्ताय सिद्धिदाय स्पृहोज्झिताय सुधर्मणे स्फीतकरुणाय 186 सुधर्मदृशे स्फुरन्मन्त्राय सुधिये स्मयातीताय सुमन्त्रभुवे स्वगर्भगाय सुयज्वने स्वतोरामाय सुरद्रमाय 200 स्वदयाचिह्नाय सुप्रतिष्ठाय स्वदृशे सुरमणये स्वधर्मगाय सुश्रुताय स्वयज्योतिष सुसंयुताय. 206 स्वयम्प्रभवे सुसिद्धान्ताय स्वयम्बुद्धाय सुस्थाय 168 स्वयम्भुवे सुस्थिताय स्वयम्भूरमणाय सूक्ष्माय स्वयंरामाय स्तुत्यात्मने 164 स्वरक्षिताय स्थविराय 160 / स्वस्तिकाय स्थविष्ठाय स्वाध्यात्माय 22o w wo w w w Is is 9 MNY urduru 188 187 162 - . ar is w iw is www. w or w w 206 202
SR No.004489
Book TitleArshbhiyacharit Vijayollas tatha Siddhasahasra Namkosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherYashobharati Jain Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages402
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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