________________ 224 176: 176 पद्यानि भावः स्वभावो भूतात्मा भूत मन्त्रमूर्ति महागतिर्महा महात्राता महादित्यो महाबोधि महामुक्ति महामूतिर्महा महार्णवो महाव्योम महाशको महाशिवो महासनो महास्रष्टा महाहेतुर्महा महेन्द्रायों महोपास्यो लक्ष्मीशः लोकाग्रमौलि वरद: पारदः वाक्यातीतः श्लोकानुक्रमणिका पृष्ठांकाः | पद्यानि पृष्ठांकाः 171 | वाचस्पतिर्वचः 178 174 | विजयो वैज० 177 166 | विधिशेषो 167 176 विश्वकृद 175 | विश्वद्ग . विश्वम्भरः - 172 / विश्वरेता 172 वेदातीतो 176 व्योममूर्ति 168 176 | शक्तो निरेजः 173 176 शतोपायः 178 176 शिवतातिर्महा 175 | श्रष्ठः स्थविष्ठः 168 सदातनः 177 सदायोगः 177 सर्वादिः .. सार्धसत्त्रिकला सुयज्वा यज्ञ 168 स्पृहामुक्तः / 176 178 स्वयम्बुद्धो 173 हिरण्यगर्भः 172 हृषीकेशः 172 176 176 175 175 175