________________ 222 श्लोकानुक्रमणिका 134 पृष्ठांकाः 122 143 155 पद्यानि सकलोऽपि सतीव्रतोच्छेद सदाच्युतश्री. सदालिष प्रीति सन्त्यज्य जाडय स मांसलांस सर्वाङ्गशेत्य स विधिः शुचि पृष्ठांका: | पद्यानि 156 | सुधांशुनाम्नैव सीमा किमस्मि 131 सुषमासु परी स्तुतिःक्ष० 140 स्मितविस्मित 142 : स्वकान्तिमित्र * 144 | स्वरूपलक्ष्म्यैव 156 .. 125 156 145 पृष्ठांका: 182 173 167 180 180 पद्यानि अजन्मरामो अतिक्तोऽमधुरो अतुल्योऽसदृशो अध्यात्मकोटि अध्यात्मगम्यो अध्यात्मपीठो अध्यात्मपतो अध्यात्मपूर्णों अध्यात्मभाव्यो अध्यात्मवासो अनन्तरूपो अनाख्यातो अनर्कोऽनाटको अनादिशुद्धः अनिघण्टु सिद्धसहस्रनामकोशस्य श्लोकानामकाराद्यनुक्रमणिका - पृष्ठांकाः। पद्यानि 174 अनिमेषो 181 | अनुपाधि 177 | अपदोऽनक्षरो 176 अपातोऽलम्बनो अभोऽनदो 180 अमृतात्मा 176 | अलोकस्पग 176 प्रशस्त्रः शस्त्रमुक अष्टोत्तरं नाम असम्मोहाय्य 166 अस्तप्राणो 180 अस्निग्धोऽगौरवो 180 | अहसोऽमातृको 166 - आत्मरक्षा 181 / आत्मवान् 176 182 173 183 177 174 176 181 180