________________ .201 700 सिद्धसहस्रनामावली ॐ विस्पर्शाय , स्पर्शगोचराय , असम्मोहाप्याय , उन्नेयाय पुरुहूताय , अवतारमुचे , दशलाक्षणिकायः , देशाय " अनुद्दे शाय , अनुपचारभुवे ,, बन्धुराय , रुचिराय , चारवे ,, बन्धवे रूप्याय शोभनाय ,, शतशाखाय शताय , शतताराय , शताध्वगाय , शतोपायाय " शताख्यानाय , शतकीर्तये नमः ॐ शताह्वयाय नमः ,, शतगृह्याय ,, शतोद्गीथाय ,, शतवृत्तये ,, धीशाय ,, धियःपतये , धीन्द्राय ,, धिषणाय , शेमुषीधराय , धीगणाय ,, धीसमूहाय ,, गीष्पतये , गिराम्पतये ,, वाचस्पतये , वचःस्रष्ट्र .. बृहदात्मने // 660 : , बृहस्पतये , बृहदारण्यकोद्योतिने 1, मनीषीशाय ,, मनीषिताय . ,, नयोत्क्रान्ताय , नयोद्भेदिने , ज्ञानगर्भाय / प्रभास्वराय 720 . .