________________ न्यायविशारायाचार्य, महोपाध्याय श्रीमद् यशोविजयजी बहाराज के स्वहस्त से लिखित 'आर्षभीय-चरित की प्रति की प्रतिकृति nif करायनना पत्रिपतदिनजातिममनिजात मिति मपरमवाति विरदता अपिमानित खपरैकमतलवकरलागार सोमनसेननगम,2440135 मारहापुराताजा पटसंपदा विमलकिपर गोमातामाकननाशिमे५४तिरेनानापतितीवासिबलप्रवलनाबमूलकनमनुभवमाननुपवान मनापरवाधिकं मामितरतातफलदानि किमुहानमात्मनामरत्नावरगारमा समयमारदिवतीवितालीरटिका किती किमुलम्मकाजरायमनामनिवार वतमकारमामला बिनाशिवाम्मतिरविमनिशीकाथलाविनमावन तिवदकर अपना मारा माल ROMवनिमरेतत्रिपार पनवा विकलमानपतशल्पश्यदिवान दिया शिशिरतालिमदेवरिद्रिय प्रतिपादिवता परमासमक्राममाविमा तिरवमेवपुरितगतिमा दुनिकताकरवायमेवनीतरोतुसनतावमावितापाचश्यामलोनाबरलमारलकोपपती Railदराके गुमलातिनामावतारामिता:समुरवयर्मदा किन जानरोता माता कतावनीलमभिधामुपयामा सजायरिमानितारटीजरतेनमाजमन नदीवितरीन 391 कपणेवकथाanaमहत्तवपातनातकला करावा जनामकदशनहर विहानहानको शिरदिनाममारितोविमलापककरांकमा मामलजधानाचमुहमपात मरामारणततमधमेनिगारमंचात मसोपवातितकमापिमहानवताश्रम यता नितीनोamaanा कानुमतिविनापत्रलमा मानमात्रमंगरंसरविताननिकाय फोटोस्टेट कापी ब्लाक [पू० मुनि श्रीयशोविजयजी साहित्य-कला-संग्रह से प्राप्त ] प्रकाशकश्रीयशोभारती जैन प्रकाशन समिति, बम्बई