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________________ 392 अभिज्ञानशाकुन्तलम् [षष्ठोराजा-(ध्यानमन्दं परिक्रम्य- ) प्रथमं सारङ्गाक्ष्या प्रियया प्रतिबोध्यमानमपि सुप्तम् / अनुशयदुःखायेदं हतहृदयं सम्प्रति विबुद्धम् ! // 7 // सानुमती--णं ईदिसाइं तवस्सिणीए भागधेयाई / [ नन्वीदृशानि तपस्विन्या भागधेयानि ] / विषादमनुभवतीति / स्थाने खलु = युक्त मेवैतत् / अतिसुन्दरत्वात् , अस्यापि तद्विरहे नितरां विधुरत्वाच्च / 'युक्त द्वे साम्प्रतं, स्थाने' इत्यमरः / ध्यानेन मन्दंध्यानमन्दं = शकुन्तलाचिन्तया मन्दमन्दम् / शनैः शनैः। एतेनाऽनालम्बनताख्या प्रवास कामदशा प्रदर्शिता / परिक्रम्य = किञ्चिच्चलित्वा / प्रथममिति / सारङ्गस्येक्षणे इवेक्षणे यस्यास्तय़ा-सारङ्गाक्ष्या = हरिणलोचनया / प्रियया = शकुन्तल्या / प्रातबोध्यमानमपि = बहुशो ज्ञाप्यमानमपि / प्रथमम् = आदौ / सुप्तम् = सुप्तमिव मोहमुपगतम् / सम्प्रति = प्रियावियोगे जाते तु / इदानीम् / अनुशय एव दुःखं तस्मै-अनुशयदुःखाय = पश्चात्तापरूपं क्लेश मां दातुमिव / इदं = मम / हतहृदयं = दग्धहृदयम् / हृदयहतकं / विबुद्धं = जागरितमिव / [पूव ? विशेषोक्तिः। विमाननोत्तरार्द्ध / उपमानुप्रासौ ] // 7 // ननु = निश्चये। ईदृशानि = क्लेशदायकानि / भागधेयानि = भाग्यान्येव / सदा दुःखी रहती है, यह उचित ही है। अर्थात् यह राजा इतना सुन्दर, दर्शनीय और गुणवान् तथा कृतज्ञ है, कि-इसके लिए शकुन्तला का आतुर और दुःखी रहना उचित ही है / राजा-(शकुन्तला का ध्यान करते ही करते, धीरे 2 चलकर) यह मेरा पापी हृदय, पहिले तो उस हरिणी के समान लम्बे और मनोहर नेत्रों वाली शकुन्तला से वार वार समझाए ( याद दिलाए ) जाने पर भी सूता रहा, समझा नहीं, और उसे स्मरण ( याद ) नहीं कर सका / परन्तु अब-जब वह दुःखित हो यहाँ से चली गई, तब मुझे पश्चात्ताप के दुःख में जलाने के लिए ही, इस पापी हृदय को चेत ( उसका स्मरण ) हुआ है ! / यह अब चेता है ! / अब तो केवल पश्चात्ताप करने के सिवाय दूसरा कोई उपाय ही उसकी प्राप्ति का नहीं रह गया है // 7 // ___ सानुमती- क्या किया जाए उस बिचारी शकुन्तला का भाग्य ही ऐसा खोटा था। उसके भाग्य का ही यह सब दोष है। नहीं तो वह ऐसा कष्ट क्यों पाती।
SR No.004487
Book TitleAbhigyan Shakuntalam Nam Natakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahakavi Kalidas, Guruprasad Shastri
PublisherBhargav Pustakalay
Publication Year
Total Pages640
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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