SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 325
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ऽङ्कः ] 21 अभिनवराजलक्ष्मी-भाषाटीका-विराजितम् 321 त्वमहताम्प्राग्रहरेः स्मृतोऽसि नः, ___ शकुन्तला मूर्तिमतीव सक्रिया / समानयंस्तुल्यगुणं वधूवर, चिरस्य वाच्यं न गतः प्रजापतिः // 16 // युवयोः = भवतोः / तत् = स्वेच्छाचरितमुपयमनम् / कुतो मयाऽनुज्ञातमत आह त्वमहतामिति / त्वम् = भवान् दुष्यन्तः / अर्हतां = पूज्यानां / प्राग्रहरः = मुख्यतम-इति / नः-अस्माकं / स्मृतोऽसि = मतोऽसि / 'परार्ध्याऽग्र्याः प्राग्रहराः' इत्यमरः / शकुन्तला च-मूर्तिमती = शरीरधारिणी / सक्रियेव = शोभना क्रियेव / पूजेव / सत्कारस्य साक्षान्मूत्तिरिव, सकलजनाऽभिनन्दनीयास्तीति यावत् / तुल्या गुणा यस्य तत्-तुल्यगुणं = समानगुणम् / वधूश्च वरश्चानयोः समाहार:-वधूवरं - वधूं, वरञ्च / समानयन् = सम्यग् योजयन् / प्रजापतिः = धाता। चिरस्य = चिरकालेन / चिरप्ररूढं / 'चिराय चिररात्राय चिरस्याद्याश्चिगर्थकाः' इत्यमरः / वाच्यम् = अपवादम् / 'वाच्यं वक्तव्यमित्येतौ वर्तेते प्रतिपादने / वचोऽहे, कुत्सिते, हीने, दूषणेऽभिधयोदिते' इति धरणिः / न गतः = न प्राप्तः / शकुन्तला के साथ, मेरी अनुमति लिए बिना ही, जो विवाह कर लिया है, तुम दोनों के स्वेच्छा से किए हुए उस गान्धर्व विवाह को, मैंने प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लिया है। क्यों कि- आपको भी हम राजा होने के कारण पूजनीयों और आदरणीय में श्रेष्ठ समझते हैं, और यह शकुन्तला भी मूर्तिमती (शरीर धारिणी, साक्षात् ) सत्क्रिया ( सत्कार, पूजारूप ) ही है। अतः बहुत समय के बाद ऐसे तुल्यगुण वधू-वर का जोड़ा मिलाने से ब्रह्माजी (विधाता) भी चिरकाल के बाद ही संसार की प्रशंसा के पात्र हुए हैं। अर्थात्-ब्रह्माजी समान गुण शील वधू वर के जोड़े को बहुत कम मिलाते हैं। क्यों कि-यदि कहीं कन्या सुन्दर होती है, तो वर उसके अयोग्य रहता है, यदि कहीं वर गुणी.. सुन्दर युवा है, तो कन्या कुरूपा, निर्गुण ( प्रायः) होती हैं। पर दोनों ही . 1 'स्वमर्हतामग्रसरः' पा०।
SR No.004487
Book TitleAbhigyan Shakuntalam Nam Natakam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahakavi Kalidas, Guruprasad Shastri
PublisherBhargav Pustakalay
Publication Year
Total Pages640
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy